यह आदेश कोर्ट ने हालीवुड ड्रीम बैंक्वेट हाल की याचिका पर दिया है। याचिका दाखिल कर जीडीए की ध्वस्तीकरण नोटिस को चुनौती दी गयी है। याची के अधिवक्ता शिवम यादव का कहना था कि डीएमआरसी व हालीवुड ड्रीम बैंक्वेट हाल के मध्य एक करार के तहत हाल को चलाने की अनुमति मिली है। अधिवक्ता का कहना था कि यदि इस संबंध में कोई विवाद है तो उसे हल करने का नगर विकास मंत्रालय भारत सरकार को अधिकार है। कहा गया था कि मैट्रो की जमीन पर प्राधिकरण को कोई अधिकार नहीं है। प्राधिकरण द्वारा जारी नोटिस गलत है।
अधिग्रहण मुआवजे को लेकर दाखिल अपील पर पुनर्विचार अर्जी मंजूर
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जमीन अधिग्रहण का मुआवजा बढ़ाने की मांग दाखिल अपील पर पांच साल 88 दिन देरी से दाखिल पुनर्विचार अर्जी को स्वीकार कर लिया और देरी को माफ कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति बी.के नारायण तथा न्यायमूर्ति विजय लक्ष्मी की खण्डपीठ ने गौतमबुद्ध नगर के निठारी गांव के निवासी राजाराम की अपील को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। 11 दिसम्बर 2007 को अपील अदम पैरवी में खारिज हो गयी थी। पांच साल 88 दिन बाद अपीलार्थी ने पुनर्विचार अर्जी दाखिल की थी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जमीन अधिग्रहण का मुआवजा बढ़ाने की मांग दाखिल अपील पर पांच साल 88 दिन देरी से दाखिल पुनर्विचार अर्जी को स्वीकार कर लिया और देरी को माफ कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति बी.के नारायण तथा न्यायमूर्ति विजय लक्ष्मी की खण्डपीठ ने गौतमबुद्ध नगर के निठारी गांव के निवासी राजाराम की अपील को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। 11 दिसम्बर 2007 को अपील अदम पैरवी में खारिज हो गयी थी। पांच साल 88 दिन बाद अपीलार्थी ने पुनर्विचार अर्जी दाखिल की थी।
अपील पर अधिवक्ता दीपिका शर्मा व वाई.डी. शर्मा ने बहस की। इनका कहना है कि 1976 में निठारी गांव की 65 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया। 28.12 रूपये प्रतिवर्ग गज मुआवजा तय किया गया। जबकि सटे गांव ककराला खवासपुर के लिए 297 रूपये प्रतिवर्ग मीटर की दर से मुआवजा दिया गया है। अपील में इसी दर से मुआवजे की मांग की गयी है।
By Prasoon Pandey