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योगी सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका, 17 जातियों को एससी में शामिल करने के फैसले पर लगी रोक

locationप्रयागराजPublished: Sep 16, 2019 04:46:37 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

इन जातियों को एससी में शामिल करने के लिये काफी लंबे समय से मांग की जा रही है।

प्रयागराज. यूपी की 17 ओबीसी जातियों को एससी में शामिल करने के योगी सरकार के फैसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है । 24 जून 2019 को योगी सरकार ने इन जातियों को एससी में शामिल करने का आदेश जारी किया था। योगी सरकार के इस फैसले को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को आरक्षण का लाभ प्रदान करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा था। कोर्ट के इस आदेश को उपचुनाव से पहले योगी सरकार के लिये बड़ा झटका माना जा रहा है ।
हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज कुमार सिंह से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है । सामाजिक कार्यकर्ता गोरख प्रसाद ने रिट याचिका दाखिल कर सरकार के इस शासनादेश को अवैध ठहराया था, जिस पर सोमवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस राजीव मिश्र की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया । कोर्ट ने कहा कि सरकार को इस तरह का फैसला लेने का अधिकार नहीं है. सिर्फ संसद ही एससी-एसटी की जातियों में बदलाव कर सकती है
इन जातियों को एसी में किया गया था शामिल:
निषाद, बिंद, मल्लाह, केवट, कश्यप, भर, धीवर, बाथम, मछुआ, प्रजापति, राजभर, कहार, कुम्हार, धीमर, मांझी, तुहा और गौड़ । यह सभी ओबीसी कैटेगरी में थे।
बता दें कि इन जातियों को एससी में शामिल करने के लिये काफी लंबे समय से मांग की जा रही है। इससे पहले सपा और बसपा की सरकारों ने भी इन जातियों को एससी में शामिल करने का प्रयास किया था, मगर कानूनी हस्तक्षेप की वजह से यह नहीं हो पाया था ।

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