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उन्नाव गैंगरेप काण्ड के मुकदमों की सुनवाई पर रोक

locationप्रयागराजPublished: May 21, 2018 08:25:54 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

मुख्य आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर की तरफ से पेश वकीलों ने कहा कि बिना उनका पक्ष लिए एकतरफा कार्यवाही की जा रही है।

Unnao rape case

उन्नाव रेप केस

इलाहाबाद. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उन्नाव गैंगरेप काण्ड में उन्नाव की विशेष अदालत में चल रहे आपराधिक मुकदमों की सुनवाई पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से कहा है कि इस मामले को सीबीआई अदालत लखनऊ स्थानांतरित करने की अधिसूचना जारी करे। याचिका की सुनवाई तीस मई को होगी। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से कहा है कि वह इस बात की अधिसूचना जारी करे कि अन्य केसों समेत पाक्सो केस की भी सुनवाई सीबीआई कोर्ट लखनऊ में की जाए।

मामले की सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश डी.बी. भोंसले तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खण्डपीठ के समक्ष सीबीआई ने जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश की। पीड़िता की मां की तरफ से अर्जी दाखिल कर पुलिस अभिरक्षा में पीड़िता के पिता व उसके पति की मौत की उसके द्वारा लिखायी गयी प्राथमिकी के तथ्यों को बदलकर प्राथमिकी दर्ज करने का सीबीआई पर आरोप लगाया गया। साथ ही विवेचना की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाये गये हैं। भाजपा विधायक मुख्य आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर की तरफ से पेश वकीलों ने कहा कि बिना उनका पक्ष लिए एकतरफा कार्यवाही की जा रही है। 20 जून 2017 को दर्ज प्राथमिकी में पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ पास्को ऐक्ट में चार्जशीट दर्ज की है। जिसकी सुनवाई विशेष अदालत कर रही है।
सी.बी.आई अधिवक्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि उन्नाव रेप केस की उन्नाव में लगातार सुनवाई चल रही है जबकि इसी मामले में प्राथमिकी दर्ज कर सीबीआई विवेचना कर रही है। कहा गया कि ऐसे में यदि उन्नाव कोर्ट में चल रहे ट्रायल पर रोक नहीं लगायी गयी तो इससे सीबीआई की जांच प्रभावित होगी। कहा यह भी गया कि यदि सुनवाई नहीं रोकी गयी तो जांच का कोई औचित्य नहीं रह जायेगा।
कोर्ट ने न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता जी.एस. चतुर्वेदी से पूछा कि उनका क्या कहना है। इस पर उन्होंने भी सीबीआई की मांग का समर्थन किया। पीड़िता की मां की तरफ से अधिवक्ता ने पक्ष रखा। सीबीआई ने कहा कि उसकी कोर्ट को पाक्सो ऐक्ट के मुकदमे को सुनने का अधिकार नहीं है। इस पर कोर्ट ने सरकार से अधिसूचना जारी करने को कहा ताकि उन्नाव रेप केस को सीबीआई अदालत सुन सके।
BY- Court Corrospondence

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