याचिका पर अधिवक्ता अनुराग शुक्ला ने बहस किया। मालूम हो कि 2015 में प्राइमरी स्कूल के शिक्षा सत्र में बदलाव किया गया। जुलाई से शिक्षा सत्र शुरू करने के बजाय अप्रैल से सत्र शुरू करने का निर्णय लिया गया। अप्रैल से लेकर जून के बीच सत्र लाभ लेकर सेवानिवृत्त होने वाले अध्यापकों को नये सत्रांत का लाभ नहीं दिया गया। उन्हंे 30 जून को सेवानिवृत्त कर दिया गया। जिसे चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि शिक्षा सत्र बदलने और नए सत्र में पढ़ाने के कारण अध्यापकों को पूरे सत्र तक सेवा देने का अधिकार है। इसके बाद सरकार ने अक्टूबर माह में पुनः ज्वाइन कराया किन्तु जुलाई से सितम्बर माह तक का वेतन नहीं दिया। बकाया वेतन की मांग में याचिका दायर की गई थी।
हाईकोर्ट ने सरकार के शासन आदेश को रद्द करते हुए अध्यापकों को सत्र लाभ देते हुए बकाया वेतन दिये जाने का निर्देश दिया था। इस आदेश का पालन नहीं किया गया। जिस पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गई है। अब कोर्ट ने कहा है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी और लेखा अधिकारी गोरखपुर 29 नवंबर तक बकाया वेतन देने के आदेश का पालन करें अथवा अगली सुनवाई की तिथि 29 कोर्ट में हाजिर हो।
BY- Court Corrospondence