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हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव बेसिक को किया तलब, कार्यशैली पर जताई नाराजगी

locationप्रयागराजPublished: Oct 22, 2019 10:05:55 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा कि या तो वह कोर्ट के आदेश के अनुपालन में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं अथवा उन्हें पद पर काम करने की शैली ही मालूम नहीं है ।

Allahabad High court

इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा उ प्र के कार्य करने की शैली पर मंगलवार को नाराजगी जताते हुए कड़ी टिप्पणी की है। चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा कि या तो वह कोर्ट के आदेश के अनुपालन में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं अथवा उन्हें पद पर काम करने की शैली ही मालूम नहीं है । उनके द्वारा हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद स्वयं का हलफनामा न दाखिल कर बेसिक शिक्षा अधिकारी के मार्फत हलफनामा दाखिल करने पर नाराजगी व्यक्त की है और आदेश का पालन न करने के स्पष्टीकरण के साथ बुधवार 23 अक्टूबर को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने बाँदा निवासी सुशील त्रिवेदी की जनहित याचिका पर दिया है। मालूम हो कि 30 अगस्त 2019 को कोर्ट ने विशेष सचिव/सचिव बेसिक शिक्षा से हलफनामा मांगा था कि अध्यापकों को स्कूलों में तैनात करने के बजाय कार्यालय में सम्बद्ध क्यों किया जा रहा है। याची का कहना है कि ऐसा करने से स्कूलों की पढ़ाई को नुकसान हो रहा है। प्रमुख सचिव ने कोई हलफनामा नहीं दाखिल किया और अपनी तरफ से बेसिक शिक्षा अधिकारी बांदा का हलफनामा दाखिल कराया।
जिनमे मांगी गई जानकारी नही थी, इस पर कोर्ट ने प्रमुख सचिव से स्वयं हलफनामा दाखिल करने को कहा तो सरकारी वकील ने प्रमुख सचिव की तरफ से कोर्ट में अर्जी दाखिल कर 2 सप्ताह का समय मांगा ।
कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि या तो प्रमुख सचिव को अपने वैधानिक दायित्व का ज्ञान नहीं है या न्यायिक कार्रवाई में अनावश्यक रूप से बाधा उत्पन्न कर रहे हैं, ऐसा लगता है कि प्रमुख सचिव को कोर्ट के आदेश की परवाह नहीं है और वह सम्मान नहीं कर रहे है। कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रमुख सचिव को बुधवार 23 अक्टूबर तक हलफनामा दाखिल करने का समय दिया, साथ ही स्पष्टीकरण के साथ कोर्ट में हाजिर होने का भी निर्देश दिया है।
BY- Court Corrospondence

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