कन्नौज के धर्मपाल सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति राजीव मिश्र की खंडपीठ ने कहा कि आश्चर्यजनक है कि हत्या जैसे संवेदनशील मामले में भी ठीक से जांच नहीं की जा रही है। वरिष्ठ अधिकारी भी इस बात का ध्यान नहीं रखते हैं कि विवेचना ठीक से नहीं हो रही है । पीठ ने कहा कि हमारी नजर में इसके लिए एसएसपी कन्नौज से लेकर के डीजीपी तक जिम्मेदार है ए क्योंकि उनसे यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपने अधीनस्थ अधिकारियों के कार्यों की निगरानी करेंगे।
धर्मपाल के मामले में कहा गया कि उसने कन्नौज के विश्वगढ़ थाने में 22 जुलाई 2018 को हत्याए हत्या का प्रयास मारपीट एबलवा आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन इस मामले में पुलिस विवेचना नहीं कर रही है । कोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया था । सरकार की ओर से दाखिल जवाबी हलफनामे को देखने से पता चला कि वास्तव में इतने गंभीर मामले में पुलिस ने कोई जांच नहीं की है । इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा कि पुलिस हत्याए अपहरण एऔर डकैती जैसे गंभीर अपराधों में भी प्रभावी तरीके से विवेचना नहीं कर रही है । उन्होंने डीजीपी से पूछा है कि गंभीर मुकदमों में त्वरित और प्रभावी विवेचना सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने क्या कार्रवाई की है । मामले की सुनवाई 5 मार्च को होगी