इलाहाबाद हाईकोर्ट की 150वीं जयंती समारोह के दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश भर के न्यायालयों में बढ़ रहे मुकदमों के बोझ को देखते हुए अपील की थी कि इसके लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सहित देशभर की बार सहयोग करें और कोर्ट का समय बढ़ाया जाए। इसके बाद बीती गर्मियों की छुट्टी में इलाहाबाद हाईकोर्ट में रेगुलर काम हुए तीन से चार जजों की खंडपीठ और एकल पीठ लगातार मुकदमों की सुनवाई कर रही थी। अब एशिया की सबसे बड़ी कोर्ट में एक और इतिहास जुड़ने जा रहा है, जब कोर्ट शनिवार को भी काम करेगी। अब तक देशभर के सभी न्यायालयों में सोमवार से शुक्रवार तक मुकदमों की सुनवाई होती थी।
यह भी पढ़ें- बहुचर्चित ज्योति हत्या काण्ड मामले में पति पीयूष श्याम दसानी की जमानत अर्जी खारिज जानकारों की मानें तो राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और विधिक सेवा समिति ने भी इस काम की तैयारी शुरू कर दी है। युवा अधिवक्ताओं से आवेदन लेकर एक पैनल गठित करने की प्रक्रिया चल रही है। वकीलों का या पैनल जेलों में बंद कैदियों के मुकदमों पर बहस करेगा जो अपना वकील करने में समर्थ नहीं रहते हैं। शनिवार को चलने वाली कोर्ट में जेल अपीलों के साथ कुछ अन्य मामलों की सुनवाई होगी। बता दे की हाईकोर्ट में प्रदेश भर के लगभग नौ लाख से अधिक मामले अभी भी लंबित है।
By Prasoon Pandey