याचिका में सन्तो की सभा बुलाकर माघ मास में प्रयाग में लगने वाले मेले को अर्द्ध कुम्भ घोषित करने की मांग की गयी। याची का कहना है कि प्रयाग में छह वर्ष के अंतराल पर अर्द्ध कुम्भ व कुम्भ का आयोजन होता है, जब बृष एवं गुरु राशि तथा सूर्य व् चन्द्र मकर राशि में एक साथ आते है तो कुम्भ व् अर्द्ध कुम्भ लगता है, ऐसे में नाम बदलना भारतीय सांस्कृतिक परम्परा के विपरीत है ।
बता दें कि योगी सरकार ने अर्धकुम्भ को शासकीय स्तर पर कुंभ के रूप में मान्यता दी है और उसका विश्व स्तरीय प्रचार प्रसार किया जा रहा है । BY- Court Corrospondence