scriptशासन की उदासीनता से अद्धकुंभ के पहले बंद हो सकते हैं इलाहाबाद के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट | Allahabad Sewage Treatment Plants may be closed before Ardh Kumbh 2019 | Patrika News

शासन की उदासीनता से अद्धकुंभ के पहले बंद हो सकते हैं इलाहाबाद के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट

locationप्रयागराजPublished: Oct 08, 2017 06:30:31 pm

अगर बंद हो गये सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तो गंदे पानी से श्रद्धालुओं को करना पड़ सकता है आचमन

Allahabad Sewage Treatment Plants (Profile Pic)

Allahabad Sewage Treatment Plants (Profile Pic)

इलाहाबाद. संगम नगरी इलाहाबाद में वर्ष 2019 में होने वाले अर्द्धकुंभ को एतिहासिक बनाने के लिए प्रदेश सरकार भले ही बड़े बडे दावे कर रही है। पर यदि समय रहते प्रदेश सरकार की नींद नहीं खुली तो यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को गंदे जल से ही आचमन करना होगा। क्योंकि इलाहाबाद के करीब सात सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बंद होने की कगार पर हैं। इसकी मुख्य वजह बकाया 21 करोड़ बिजली का बिल और प्लांट में लगे कर्मचारियों का रूका वेतन है।
2019 अर्द्धकुंभ को एतिहासिक बनाने के लिए प्रदेश सरकार इलाहाबाद से लेकर लखनऊ तक लगातार बैठक कर रही है। साथ ही अर्द्धकुंभ को लेकर होने वाले विभिन्न कार्यों की भी समीक्षा बैठकें हो रही हैं। वहीं, इलाहाबाद में संगम को स्वच्छ और निर्मल बनाने को लेकर कागजों पर लगातार दावे किए जा रहे हैं। लेकिन धरातल पर कोई कार्य नजर नहीं आ रहा है। इसका कारण है कि प्रशासन की ओर से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
बता दें कि शहर के सैंकड़ों नालों से जुड़े सात सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए हैं। इस प्लांट में गंदे पानी को शुद्ध कर गंगा में छोड़ा जाता है। वर्तमान में इन सातों सीवेज प्लांट के कर्मचारियों को पिछले कई महीनों से वेतन नहीं मिला है। वेतन नहीं मिलने से कर्मचारी कभी भी काम बंद कर सकते हैं। इसके अलावा करीब 21 करोड़ रूपये बिजली का बिल भी बकाया है। अगर बिजली का बिल जल्द भुगतान नहीं किया गया तो कभी भी इन प्लांटों की बिजली काट दी जाएगी। गंगा प्रदूषण इकाई की ओर से कई बार शासन को बिजली के बिल का भुगतान करने और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पत्र लिखा जा चुका है। बावजूद इसके अब तक शासन से पैसा नहीं आया है। ऐसे मेें कभी भी यह सीवेज प्लांट बंद हो सकता है और अगर प्लांट बंद हुआ तो शहर का पूरा गंदा पानी सीधे संगम में जाएगा। ऐसे मंें यहां आने वाले श्रद्धालुओं को गंदे पानी में ही न केवल संगम स्नान करना पड़ेगा बल्कि आचमन भी करना पड़ेगा।
268 एमएलडी है क्षमता

इलाहाबाद में सात सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हैं। नैनी में 80 एमएलडी, राजापुर 60 एमएलडी, सलौरी-1 में 29 एमएलडी, सलौरी-2 में 14 एमएलडी, कोडरा में 26 एमएलडी, पोंगहट में 10 एमएलडी, नमैयाडाही में 50 एमएलडी पानी प्रतिदिन साफ करने की क्षमता है। वर्तमान में प्रतिदिन करीब 250 मिलियन लीटर पानी साफ हो रहा है।
अप्रैल से नहीं मिला पैसाः मुख्य अभियंता

मुख्य अभियंता जल निगम के अनुसार अप्रैल महीने से प्लांट के नाम से शासन की ओर से अभी तक कोई भुगतान नहीं मिला है। इसके कारण विभाग पर आर्थिक संकट आ गया है। लेकिन अभी तक गंगा प्रदूषण इकाई के महाप्रबंधक की ओर से कुछ रिस्पंास नहीं मिला है।

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