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कुलपति के विरोध के बीच मनाया गया इलाहाबाद विश्वविद्यालय का 131वां स्थापना दिवस

locationप्रयागराजPublished: Sep 23, 2018 10:24:46 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

बता दें कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति रतन लाल हंगलू को लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है।

Protest against allahabad University Vc

इलाहाबाद विवि के कुलपति के खिलाफ प्रदर्शन

इलाहाबाद. इलाहाबाद विश्वविद्यालय का 131वां स्थापना दिवस कुलपति के विरोध के बीच मनाया गया। इस मौके पर इविवि के छात्रनेता और तमाम छात्रों ने काला कपड़ा पहन कर कैम्पस के सीनेट हॉल में जमीन पर बैठकर अपना विरोध दर्ज कराया। स्थापना दिवस के बीच सरगर्मी तब और बढ़ गई जब सीनियर प्रोफेसर रंजना कक्कड़ जो विवि से संबद्ध एस.एस खन्ना डिग्री कॉलेज की मैनेजिंग कमेटी के चेयरमैन है, उन्होंने अपने पद से अपना इस्तीफा दे दिया।
स्थापना दिवस में आये छात्रों और अतिथियों से छात्र नेताओं ने यह अनुरोध किया गया कि कुलपति का साथ छोड़ कर सच्चाई के मार्ग पर चले और कुलपति से विश्वविद्यालय को मुक्ति दिलाने में साथ आये। इस दौरान छात्रों ने किया रघुपति राघव राजा राम का का गीत गाया और पोस्टर लेकर शांति पूर्ण प्रदर्शन किया।
प्रो रंजना कक्कड़ ने मीडिया से कहा कि विश्वविद्यालय में चल रही स्थितियों से आहत होकर इस्तीफा दे रही है। वही उनके इस निर्णय पर पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह ने उनका आभार प्रकट किया और कहा कि छात्राओं की सुरक्षा के सवाल पर हमारे आंदोलन में साथ खड़े होने पर हम उनके आभारी है।

बता दें कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति रतन लाल हंगलू को लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है। लेकिन आज चर्चा रही की हंगलू विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह में शिरकत कर सकते हैं, जिसको लेकर सभी छात्र संगठनों के लोग लामबंद रहेहालांकि इस कार्यक्रम में कुलपति नहीं पहुंचे।
प्रभारी कुलपति के एस मिश्रा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जबकि बतौर मुख्य अतिथि इस कार्यक्रम में डीआरडीओ के वैज्ञानिक डॉ डीके पांडे मौजूद रहे। उनके साथ विश्वविद्यालय के रजिस्टर प्रोफेसर एनके शुक्ला सहित अन्य शिक्षक मौजूद रहे।
प्रोफेसर रंजना कक्कड़ के इस्तीफा देने के बाद कैंपस का माहौल और गर्म हो गया है। छात्रों के बाद शिक्षक भी कुलपति के विरोध में उतरने लगे। प्रोफेसर रंजना कक्कड़ विश्वविद्यालय के विजिटर को पत्र लिखकर कुलपति के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच और निलंबन की भी मांग की है।
बता दें कि विश्वविद्यालय का आंदोलन खत्म होता नही दिख रहा है। अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्णय का इंतजार है। अगर अब भी केंद्र सरकार ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया तो कैंपस भारी हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा।
BY- PRASOON PANDEY

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