इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अतिथि गृह में बुलायी गयी पत्रकार वार्ता में परीक्षा नियंत्रक प्रो हरिशंकर उपाध्याय एवं एफआरसी के चेयरमैन प्रो अनुपम दीक्षित ने कहा कि सबसे पहले हिन्दी विषय में चयन की प्रक्रिया को शुरू किया गया है। हिन्दी में खाली 22 पदों के सापेक्ष 320 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिये बुलाया गया है। उन्होंने बताया कि हिन्दी में सामान्य वर्ग के 11 पदों के सापेक्ष 165 अति पिछड़ा वर्ग में 6 पदों के सापेक्ष 10, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के दो-दो पदों के सापेक्ष 30 -30 अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि जो भी नियुक्ति चल रही है वह यूजीसी-2010 के रेग्यूलेशन के मुताबिक है।
बता दें कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय और उसके संगठन महाविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती चल रही है, जिसमें छात्र संगठन और अन्य छात्रों का आरोप है कि युनिवर्सिटी की शिक्षक भर्ती में धांधली की जा रही है। प्रोफेसरों के भाई-भतीजों और रिश्तेदारों की नियुक्तियां की जा रही हैं। स्क्रीनिंग में विश्वविद्यालय प्रशासन गड़बड़ी कर रहा है। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन का प्रशासन के अधिकारी मीडिया के सामने आए और पारदर्शिता की बात का दावा किया है। अब देखना यह होगा कि भर्ती पूरी होने के बाद पारदर्शिता का दावा सही निकलता है या फिर छात्र संगठनों के आरोप के चलते मामला न्यायालय में जाता है।
By Prasoon Pandey