67 प्रत्याशियों ने किया नामांकन इविवि में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, संयुक्त सचिव, सांस्कृतिक मंत्री व कक्षा प्रतिनिधि के लिए कुल 67 प्रत्याशियों ने नामांकन किया। विवि में नामाकंन के लिऐ अध्यक्ष पद के लिए 29 और उपाध्यक्ष व महामंत्री के लिए 28-28 पर्चे सहित कुल 159 पर्चे बीके थे। जबकि आज कुल 67 नामाकंन हुए है। इसमें अध्यक्ष पद के लिए सात, उपाध्यक्ष पद पर 11, महामंत्री पर आठ, संयुक्त सचिव के लिए नौ और सांस्कृतिक मंत्री पद के लिए पांच नामांकन हुए है। इसके अलावा फैकल्टी प्रतिनिधि के लिए 14 और रिसर्च प्रतिनिधि के लिए 13 प्रत्याशियों ने नामांकन किया।
पुख्ता रहा सुरक्षा का पहरा बता दे के इलाहाबाद विश्वविद्यालय का ऐतिहासिक छात्र संघ भवन एशिया का सबसे पुराना छात्र संघ माना जाता है। विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की अपनी एक परंपरा है। नामांकन से लेकर मतदान तक चुनाव प्रचार के अपने अलग-अलग तरीके हैं। आज नामांकन करने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, समाजवादी छात्र सभा, एनएसयूआई, आइसा, प्रतियोगी छात्र मोर्चा सहित कई निर्दलीय छात्र नेताओं ने भी नामांकन किया। एशिया के सबसे पुराने छात्र संघ के लिए नामांकन लगभग 11 बजे से शुरू हुआ और दो बजे तक चला। विवि के सीनेट हॉल कैम्पस में छात्र नेताओ के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए है।
जमकर हुआ शक्ति प्रदर्शन नामांकन प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों ने यूनिवर्सिटी रोड पर जुलूस निकल कर जमकर अपना शक्ति प्रदर्शन किया गया। नामांकन के दौरान छात्र नेता भीड़ दिखाकर अपनी मजबूती विरोधियों को दिखाए। इसके लिए विश्वविद्यालय के छात्रों के अलावा बाहर से भी छात्र और समर्थक बुलाए गये थे। नामांकन के दौरान छात्र नेताओं ने लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की जमकर धज्जियां भी उड़ाई। नामांकन में आज एबीवीपी, समाजवादी छात्रसभा, एनएसयूआई, आइसा के अलावा प्रतियोगी छात्र मोर्चा ने अपने पैनल से सभी पदों के लिए पर्चा दाखिल किया है। छात्र संघ के नामांकन को लेकर यूनिवर्सिटी के आस-पास बैरिकेटिंग कर बड़ी संख्या में पुलिस बलों को तैनात किया गया था। जिला प्रशासन के साथ पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर मौजूद रहे।
बरगद के नीचे लगी महफिल विश्वविद्यालय में आज फिर एक बार सैकड़ों सालों का इतिहास दोहराया गया। यूनिवर्सिटी रोड पर बरगद के नीचे आज पूर्व पदाधिकारियों की भीड़ एकजुट हुई। उसी चाय की दुकान के चबूतरे पर बैठकर इस बात की समीक्षा की गई कि कौन सा प्रत्याशी मजबूत दावेदार है। विश्वविद्यालय की सैकड़ों साल पुरानी परंपरा रही है कि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ छात्र नेता और पदाधिकारी इस बात को पुख्ता करते हैं कि इस बार के चुनाव में कौन जीत रहा है और कौन हार रहा है। आज नामांकन के लिए निकले सभी प्रत्याशियों के जुलूस और पैनल को देखकर अपनी-अपनी राय दी। घंटो अपने समय के चुनाव और इस चुनाव की तुलनात्मक चर्चा भी हुई। यहां यह भी देखने को मिलता है कि संगठन या पार्टी काई भी हो लेकिन यहां सभी अपने विश्वविद्यालय के दौरान सीनियर और जूनियर रिस्पेक्ट से ही मिलते हैं। आज उस परंपरा को जिंदा रखा गया। आज भी विधायक हो मंत्री हो या सांसद हो लेकिन इस बरगद के नीचे उतने ही सम्मान से मिलते हैं जितना अपने छात्र जीवन में मिलते थे। इस दौरान विवि के पूर्व पदाधिकारियों में कमल सिंह यादव, संजय तिवारी, हेमंत सिंह, बृजेंद्र मिश्रा, ऋचा सिंह, रोहित मिश्रा, दिनेश यादव, बाबा अभय अवस्थी, निर्भय सिंह पटेल, लक्ष्मी शंकर ओझा, रघुनाथ द्विवेदी, भूपेंद्र यादव, केके राय सहित दर्जनों पूर्व पदाधिकारी एकत्रित हुए।
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