इस दौरान छात्रों ने कहा कि जो सरकार लड़कियों की सुरक्षा की बात करती है। उसी सरकार में छात्राओं के साथ छेड़खानी हो रही है। न्याय की मांग करने वालों पर लाठियां बसरायी जा रही हैं। आधी रात में जिस तरह से बीएचयू के हाॅस्टल में घुस कर छात्रों को पीटा गया वह काफी दुखद है। उनके साथ पुलिस ने अपराधियों की तरह व्यवहार किया। पुलिस का छात्रों के साथ इस तरह की बर्बता देश के लिए खतरा है। जेएनयू, हैदराबाद यूनिवर्सिटी, पंजाब यूनिवर्सिटी पूरे देश के शैक्षिक संस्थानों में लगातार हमले किए जा रहे हैं। विरोध करने पर छात्रों को लाठियां मिल रही हैं। छात्रों का कहना था कि पीएम मोदी बनारस में होते हुए भी छात्रों से मिलने के लिए एक बार वक्त तक नहीं निकाल सके।
बता दें कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छात्राओं के साथ हुई छेड़खानी विरोध में बीएचयू की छात्राएं भूख हड़ताल कर रही थीं। इस दौरान बीएचयू वीसी प्रो. जीसी त्रिपाठी के आवास का घेराव कर रहे छात्र-छात्राओं पर सुरक्षाकर्मियों ने लाठीचार्ज कर दिया। जिसमें कई छात्र-छात्राओं को चोटें आईं। इसके बाद छात्रों का आंदोलन उग्र हो गया। इस दौरान छात्रों की ओर से पुलिस पर पथराव करते हुए कई आगजनी करने लगे। ऐसे में पुलिस ने छात्रों को तितर बितर करने के लिए कई राउंड हवाई फायर किए और आंसू गैस भी छोड़े। छात्रों के उग्र, प्रदर्शन को देखते हुए रात में जिले के आलाधिकारी मौके पर पहुंच मामले को संभाले।