बतादें कि केंद्र सरकार की व्यवस्था के मुताबिक एलटीसी के वक्त रेल, हवाई या बस यात्रा का टिकट आईआरसीटीसी सहित अन्य सरकारी एजेंसियों से ही लिया जा सकता है। इन 115 शिक्षकों, अफसरों और कर्मचारियों ने गत वर्षों में इस नियम की अनदेखी कर प्राइवेट टूर कंपनियों से लिए गए टिकट का भुगतान प्राप्त कर लिया। इविवि की वार्षिक ऑडिट के दौरान ऑडिट टीम ने नियमों का हवाला देते हुए इस पर आपत्ति जता सभी संबंधित को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था।
नोटिस में उनसे पूछा गया था कि उन्होंने किस नियम के तहत प्राइवेट कंपनियों से लिए टिकट का भुगतान लिया। लेकिन इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कर्मचारी व अधिकारियों का जवाब तोषजनक नहीं रहा। ऑडिट पैरा बनने के कारण यह मामला मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक पहुंच गया था। कई पहलूओं पर विचार करने के उपरांत इस एवज में इनके द्वारा ली गई रकम को वसूल करने का निर्णय लिया गया। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को इस बारे में आदेश जारी कर दिए गए। वसूली के इस आदेश की जानकारी एमएचआरडी को भी भेज दी गई है।
LTC के तहत किसी तरह की छोटी यात्रा स्वीकार्य नहीं होगी अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लीव ट्रैवल कंसेशन (LTC) पर दैनिक भत्ता भुगतान का नियम खत्म कर दिया गया है। LTC के अंतर्गत सरकारी कर्मचारियों को छुट्टियों के दौरान घर जाने के लिए खरीदे गए टिकट का भुगतान किया जाता है। लेकिन 21 सितम्बर 2017 को डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल ऐंड ट्रेनिंग (DoPT) की तरफ से कहा गया था कि LTC के तहत किसी तरह की छोटी यात्रा स्वीकार्य नहीं होगी। वहीं प्रीमियम,सुविधा ट्रेनों और तत्काल में टिकट बुक करके यात्रा करना भी LTC के तहत स्वीकार्य होगा।