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ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन का इस गांव के लोगों को आज भी है इंतजार

locationप्रतापगढ़Published: Oct 10, 2017 05:12:44 pm

अमिताभ बच्चन के पैतृक गांव बाबूपट्टी के लोगों को है ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन का इंतजार, जया बच्चन का वादा पूरा होने की भी देख रहे हैं राह।

Aishvarya Rai and Abhishek Bachhan

ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन

प्रतापगढ़. विश्व सुंदरी और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की बहु ऐश्वर्या राय व उनके पति अभिषेक बच्चन की राह आज भी प्रतापगढ़ के बाबू पट्टी गांव के लोग देख रहे हैं। खुद जया बच्चन ने गांव के लोगों से वादा किया था कि वह ऐश्वर्या और अभिषेक को उनके बीच लाएंगी। पर आज तक न तो वो दोनों आए और न ही जया बच्चन ने अपना वादा किया। पर आखिरकार ऐसा क्या है जो बाबूपट्टी गांव के लोग ऐश्वर्या और अभिषेक का इंतजार कर रहे हैं।
Amitabh Bachhan and Jaya Bachhan
दरअसल अमिताभ बच्चन के पिता और मधुशाला जैसी कालजयी कृति की रचना करने वाले हरिवंश राय बच्चन बाबूपट्टी के ही रहने वाले थे। यानि यह बच्चन परिवार का पैतृक गांव है। पर उनके पूर्वजों की धरती पर लोगों को उम्मीद है कि अगर वह परिवार गांव की सुध ले ले तो उनके दिन भी बदल जाएंगे। हालांकि जया बच्चन पैतृक गांव पहुंची थीं और उनके प्रयास से एक पुस्तकालय भी वहां खुला, लेकिन अब उसका कोई नामलेवा नहीं। यही नहीं उन्होंने गांव में एक डिग्री कॉलेज बनवाने की घोषणा भी की थी। पर वह वादा आज तक पूरा नहीं हो सका। पैतृक गांव के लोग आज भी इस उम्मीद में हैं कि अमिताभ बच्चन और उनकी पत्नी अपने पुरखों के गांव में आकर रहेंगे और गांव वालों के दिन बदलेंगे।
Aishvarya Rai and Abhishek Bachhan
 

मधुशाला जैसी कालजयी कृति के रचयिता डॉ. हरिवंश राय बच्चन का पैतृक घर रानीगंज तहसील क्षेत्र के बाबूपट्टी गांव में था। उनके गांव में सपा शासनकाल में तत्कालीन सांसद सीएन सिंह के प्रयास से 17 फरवरी 2004 को पर्यटन मंत्री रहे रामप्यारे सिंह ने डॉ. हरिवंश राय बच्चन के नाम से पुस्तकालय का शिलान्यास किया था। इसके निर्माण पर 22 लाख की लागत आई थी। पुस्तकालय भवन बनने के बाद इसका लोकार्पण पांच मार्च 2006 को किया गया।
Aishvarya Rai and Abhishek Bachhan
 

महानायक अमिताभ बच्चन की पत्नी तत्कालीन सांसद और फिल्म विकास परिषद की अध्यक्ष रहीं जया बच्चन व सांसद अमर सिंह आए थे। उस समय जया बच्चन के चचेरे ससुर शारदा प्रसाद श्रीवास्तव भी उनके साथ मंच पर बैठे थे, जो अब नहीं हैं। मंच से जया बच्चन व मंत्री रामआसरे वर्मा ने गांव में महिला डिग्री कालेज खुलवाने की घोषणा की थी, पर वह महज ऐलान भर रह गया। सरकार आई और गई भी लेकिन बाबूपट्टी गांव में बने हरिवंश राय बच्चन पुस्तकालय का दिन नहीं बहुर सका।
Amitabh Bachhan Family
 

जया बच्चन जब बाबूपट्टी गांव में आई थीं तो महिलाओं ने उनकी आरती उतारी थी। जया बच्चन भी मां काली के चौरा पर माथा टेक कर अपने चचेरे ससुर शारदा प्रसाद के घर में प्रवेश किया था। आज ग्रामीण व परिवार के लोगों के लिए यह सब बात पुरानी हो गई है। उन्हें मलाल है कि आखिर कब बिग बी और जया बच्चन आएंगे और यहां की तस्वीर बदलेगी। राजेन्द्र श्रीवास्तव, अमिताभ श्रीवास्तव, बब्लू, कुलदीप श्रीवास्तव, पूर्व प्रधान पंकज शुक्ला, कमलेश मिश्र, रमाकांत सरोज सहित ग्रामीणों का कहना है कि पुस्तकालय में न तो किताब है और न ही पुस्तकालय की व्यवस्था सही है। इसके अलावा जया बच्चन का डिग्री कालेज खुलवाने का वादा भी पूरा नहीं हो सका। उन्होंने अभिषेक बच्चन व ऐश्वर्या को भी बाबूपट्टी लाने का वादा किया था पर वह भी पूरा नहीं किया।
by SUNIL SOMVANSHI

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