विवादों को सुलझाने की कवायद
जानकारी के अनुसार प्रयागराज में तिरुपति और वैष्णो देवी साइन बोर्ड की तर्ज पर संगम क्षेत्र के लिए ट्रस्ट बनाने की तैयारी की जा रही है। सेना ट्रस्ट संगम क्षेत्र की दुकानों की निगरानी करेगी ।तीर्थ पुरोहित को भी ट्रस्ट के दायरे में लाकर उनका पंजीकरण कराया जाएगा। ट्रस्ट में कौन- कौन शामिल होगा उसकी कवायद भी शुरू जल्द हो जाएगी। हालांकि इसके अध्यक्ष का पद सेना के ही पास रहेगा। इसमें पुरोहितों की भी राय ली जा रही है।
तिरुपति की तरह होगा ट्रस्ट
दरअसल तिरुपति और वैष्णो देवी में पूजन अर्चन ट्रस्ट की निगरानी में होता है ।इसी तरह से प्रयागराज में भी हमेशा के इस विवाद को समाप्त करने के लिए ट्रस्ट बनाने की तैयारी की है। इस संबंध में पूर्वी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सब एरिया के जीओसी डिप्टी जीओसी और अन्य अधिकारियों के साथ रूपरेखा बनाकर मंथन किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार ट्रस्ट बनने के बाद संगम क्षेत्र में पूजन सामग्री से लेकर खाने.पीने की सभी सामग्री का रेट तय कर दिया जाएगा ।जिस पर दुकानदारों की भी मनमानी नहीं चलेगी।
तय होगा सबका रेट
इस व्यवस्था से आने.जाने वाले श्रद्धालुओं को भी बड़ी राहत मिलेगी। उनसे किसी भी तरह की अवैध वसूली नहीं हो सकती है ।तीर्थ पुरोहितों का पंजीकरण कर उन्हें बैठने के लिए स्थाई स्थान भी ट्रस्ट के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। इस दौरान सभी की पर्ची काटी जाएगी। हवन पूजन पिंडदान का रेट तय होगा ।इस पर भी ट्रस्ट एक निर्धारित मूल्य तय करेगी ।उसी के हिसाब से यजमान तीर्थ पुरोहितों को उसका भुगतान करेंगे।हालांकि तीर्थ पुरोहितों की मांग पर ट्रस्ट में या भी सुविधा रहेगी यजमान चाहे तो अपने पुरोहित को अपनी इच्छा अनुसार दान दे सकता है ।उस पर ट्रस्ट कोई भी आपत्ति नहीं दर्ज कराएगा ।इस दौरान संगम क्षेत्र में चलने वाली नावों का भी रेट तय होगा श्रद्धालुओं को काउंटर पर ही नाव का किराया देना होगा। इस हिसाब से बाहर आने वाले श्रद्धालुओं से किसी भी प्रकार की ठगी नहीं हो सकेगी। ट्रस्ट में डिप्टी डीईओ रक्षा संपदा अधिकारी छावनी परिषद के सीईओ तो रहेंगे। इसके अलावा स्थानीय जिला प्रशासन तीर्थ पुरोहित नाविकों के भी अगवा इसकी प्रतिनिधित्व में शामिल होंगे ट्रस्ट का अध्यक्ष पद सेना के ही पास ही रहेगा ।