scriptसीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर शुरू हुई भूमाफियाओं की घेराबंदी | Bahubali Atiq Ahmed and former SP MLA Vijma Yadav brother in Top 10 land mafia in Allahabad Hindi News | Patrika News

सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर शुरू हुई भूमाफियाओं की घेराबंदी

locationप्रयागराजPublished: Aug 11, 2017 08:29:00 am

बाहुबली अतीक अहमद, पूर्व विधायक वाचस्पति व विजमा यादव के भाई के कब्जे में सैकड़ों बीघे सरकारी जमीन का हुआ खुलासा

Land mafia

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इलाहाबाद. सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर जिले भर के सभी भू-माफियाओं पर नकेल कसने का काम शुरू हो गया है। जिसके तहत पहले सफेदपोश और उन लोगों पर कार्यवाही शुरु हुई है जो बड़ी जमीनों पर अवैध तरीके से कब्जा किए हुए हैं। उनकी सूची बनाई गई साथ ही वो जमीन चिन्हित की जा रही है जो अनाधिकृत तरीके से माफियाओं के कब्जे में है। जिले में टाप 10 भू-माफियाओं में सुमार बाहुबली अतीक अहमद पूर्व विधायक वाचस्पति और विजमा यादव के भाई राम लोचन ने निगम ग्राम पंचायत के साथ ही कई सरकारी संस्थाओं की करीब 328 बीघा जमीन अवैध तरीके से कब्जा जमा रखा है। इन अवैध जमीनों को इन भू-माफियाओं ने कागज पर अपने गुर्गों के नाम से दर्ज कर दिया था, जिसका खुलासा भू-माफिया के खिलाफ अभियान के दौरान पुलिस प्रशासन और तहसील के अधिकारियों की टीम ने संयुक्त जांच में किया है।
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद हरकत में आई जिला प्रशासन की टीम माफियाओं और उनके गुर्गों के नाम से दर्ज जमीन और उनके अभिलेखों को खंगाल रही है। ज्यादातर जमीन यमुनापर और गंगा पार के इलाके के अलावा शहर के आसपास धूमनगंज, करेली, फाफामऊ व झूंसी के इलाकों में है। सरकार के आदेश के बाद जिलाधिकारी और एसएसपी ने इस तरह की जमीन की पहचान करने के लिए टीम बनायी हैं। जिसमें तहसील के एसडीएम, तहसीलदार और सीओ को शामिल किया गया है। जिले में इसकी जांच की शुरुआत हुई है, जिसमें यह पता चला की शहर के धूमनगंज करेली और कैंट इलाके के ही 35 गांवों की 350 बीघा सरकारी जमीन माफिया और उनके गुर्गों ने कब्जा कर रखा है। इसके अलावा अभी तो जिले भर की तहसीलों में अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें यह कहा जा सकता है कि जिस तादात में इन माफिया और उनके गुर्गो के पास जमीन मिल रही है। जिले भर में तो हजारों बीघा जमीन इन भू-माफियाओं के कब्जे में होगी जिनका खुलासा होना अभी बाकी है।
शहर से लगे हुए जिन तीन क्षेत्रो के 35 गांवों में ग्राम पंचायत के छह तालाब 22 पोखरों के अलावा बंजर चरागाह और ग्रीन वेल्ट वाली जमीन है। इनके अलावा नगर निगम और विकास प्राधिकरण की जमीन भी शामिल है। इन जमीनों को पर कब्जा कर माफियाओं के गुर्गों ने सरकारी अभिलेखों में भी गड़बड़ी की है। जानकारी के अनुसार अधिकारियों ने रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसके आधार पर एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई की जाएगी।
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 पिछली सरकार के दौरान दलित, शोषित और कमजोर वर्ग के लोगों के जिन जमीनों पर अवैध कब्जे किए गए हैं उनका आंकड़ा अधिकारी तैयार कर रहे हैं। जमीनों से जुड़े कागजातों को तहसीलों से निकाले जा रहे हैं। जिन जमीनों पर खुद बड़े लोगों का कब्जा है या बड़े भू माफियाओं ने अपने गुरुओं के नाम पर जिन जमीनों को कर दिया है, उनके पुराने प्रपत्र भी निकाले जा रहे हैं। बीती सरकार के दौरान जिन जमीनों पर अवैध कब्जे की शिकायत थानों में दर्ज है उन पीड़ितों की जमीन लौटाने के लिए तहसील स्तर और थाने के माध्यम से जानकारी एकत्रित करके उन जमीनों को माफियाओं से मुक्त कराएंगे और वाजिब हकदार को उसकी जमीन का कब्जा देंगे। जिले भर में प्राइवेट जमीन पर कब्जे का ब्योरा कंप्यूटराइज्ड किया जा रहा है। बुधवार को इलाहाबाद आए प्रमुख सचिव गृह ने माफियाओं के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि पूरे प्रदेश में माफिया और उनके गुर्गों की ओर से किए गए जमीन पर कब्जे का ब्योरा कंप्यूटराइज्ड कर आॅनलाइन किया जाएगा। जिससे यह पता चल सकेगा कि एक शहर का माफिया किन-किन शहरों की जमीन पर कब्जा किए हुए हैं।
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