मुख्यमंत्री के आदेश के बाद हरकत में आई जिला प्रशासन की टीम माफियाओं और उनके गुर्गों के नाम से दर्ज जमीन और उनके अभिलेखों को खंगाल रही है। ज्यादातर जमीन यमुनापर और गंगा पार के इलाके के अलावा शहर के आसपास धूमनगंज, करेली, फाफामऊ व झूंसी के इलाकों में है। सरकार के आदेश के बाद जिलाधिकारी और एसएसपी ने इस तरह की जमीन की पहचान करने के लिए टीम बनायी हैं। जिसमें तहसील के एसडीएम, तहसीलदार और सीओ को शामिल किया गया है। जिले में इसकी जांच की शुरुआत हुई है, जिसमें यह पता चला की शहर के धूमनगंज करेली और कैंट इलाके के ही 35 गांवों की 350 बीघा सरकारी जमीन माफिया और उनके गुर्गों ने कब्जा कर रखा है। इसके अलावा अभी तो जिले भर की तहसीलों में अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें यह कहा जा सकता है कि जिस तादात में इन माफिया और उनके गुर्गो के पास जमीन मिल रही है। जिले भर में तो हजारों बीघा जमीन इन भू-माफियाओं के कब्जे में होगी जिनका खुलासा होना अभी बाकी है।
शहर से लगे हुए जिन तीन क्षेत्रो के 35 गांवों में ग्राम पंचायत के छह तालाब 22 पोखरों के अलावा बंजर चरागाह और ग्रीन वेल्ट वाली जमीन है। इनके अलावा नगर निगम और विकास प्राधिकरण की जमीन भी शामिल है। इन जमीनों को पर कब्जा कर माफियाओं के गुर्गों ने सरकारी अभिलेखों में भी गड़बड़ी की है। जानकारी के अनुसार अधिकारियों ने रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसके आधार पर एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई की जाएगी।
ये भी पढ़ें- बाहुबली अतीक अहमद के भाई अशरफ पर इनाम घोषित पिछली सरकार के दौरान दलित, शोषित और कमजोर वर्ग के लोगों के जिन जमीनों पर अवैध कब्जे किए गए हैं उनका आंकड़ा अधिकारी तैयार कर रहे हैं। जमीनों से जुड़े कागजातों को तहसीलों से निकाले जा रहे हैं। जिन जमीनों पर खुद बड़े लोगों का कब्जा है या बड़े भू माफियाओं ने अपने गुरुओं के नाम पर जिन जमीनों को कर दिया है, उनके पुराने प्रपत्र भी निकाले जा रहे हैं। बीती सरकार के दौरान जिन जमीनों पर अवैध कब्जे की शिकायत थानों में दर्ज है उन पीड़ितों की जमीन लौटाने के लिए तहसील स्तर और थाने के माध्यम से जानकारी एकत्रित करके उन जमीनों को माफियाओं से मुक्त कराएंगे और वाजिब हकदार को उसकी जमीन का कब्जा देंगे। जिले भर में प्राइवेट जमीन पर कब्जे का ब्योरा कंप्यूटराइज्ड किया जा रहा है। बुधवार को इलाहाबाद आए प्रमुख सचिव गृह ने माफियाओं के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि पूरे प्रदेश में माफिया और उनके गुर्गों की ओर से किए गए जमीन पर कब्जे का ब्योरा कंप्यूटराइज्ड कर आॅनलाइन किया जाएगा। जिससे यह पता चल सकेगा कि एक शहर का माफिया किन-किन शहरों की जमीन पर कब्जा किए हुए हैं।