बार कौंसिल ने सभी अदालतों के पीठासीन अधिकारियों और अधिवक्ता संघों से भी इस तरह का कोई मामला आने पर बार कौंसिल को सूचित किये जाने की अपेक्षा की है। कौंसिल अध्यक्ष जानकी शरण पाण्डेय ने आरोपियों का सरेंडर कराने के लिये अनुचित तरीकों का इस्तेमाल करने और इसके नाम पर आरोपियों से वसूली करने वाले वकीलों को चेतावनी देते हुए कहा है कि बार कौंसिल के संज्ञान में आया है कि सरेंडर से पूर्व गिरफ्तारी से बचने के लिये वकील की पोशाक में अदालत तक लाया जाता है। वकील ही इस माम में आरोपियों के मददगार बनते हैं। यदि बार कौंसिल के संज्ञान में आया कि किसी आरोपी को वकील द्वारा वकील के ड्रेस में कोर्ट में सरेंडर कराया गया है तो इसे व्यावसायिक कदाचार माना जाएगा और सख्त कार्यवाही की जाएगी।