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महंत नरेंद्र गिरि को दी गई भू समाधि, अंतिम यात्रा में 13 अखाड़े के साधु संत मौजूद, पोस्टमार्टम रिपोर्ट की पुष्टि में दम घुटने से मौत

locationप्रयागराजPublished: Sep 22, 2021 04:10:12 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

Bhumi Samadhi given to Mahant Narendra Giri – अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष दिवंगत महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) को बुधवार को भू-समाधि दी गई। प्रयागराज के बाघंबरी मठ में वैदिक मंत्र उच्चारण व पूरी प्रक्रिया के साथ महंत नरेंद्र गिरि को भू-समाधि की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में अलग-अलग मठों, अखाड़ों के संत यहां मौजूद रहे।

Bhumi Samadhi given to Mahant Narendra Giri

Bhumi Samadhi given to Mahant Narendra Giri

प्रयागराज. Bhumi Samadhi given to Mahant Narendra Giri. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष दिवंगत महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) को बाघंबरी मठ में समाधि दे दी गई। इस दौरान 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि मौजूद थे। उन्हें बैठी हुई मुद्रा में समाधि दी गयी। मठ में बड़ी संख्या में इस दौरान साधु-संत मौजूद थे। महंत नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी बलवीर गिरि ने समाधि की पूरी प्रक्रिया संपन्न की। वहीं, इससे पहले महंत नरेंद्र गिरि की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह फांसी लगना बताया गया है। आगे की जांच के लिए बिसरा सुरक्षित रख लिया गया है। नरेंद्र गिरि की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। मृत्यु मामले की जांच के लिए 18 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
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आनंद गिरि से 12 घंटे पूछताछ

गिरी की मौत के मामले में नामजद एफआइआर दर्ज होने के बाद पुलिस पूछताछ में जुटी है। आरोपी शिष्य आनंद गिरि से 12 घंटे तक पूछताछ की गइै। इसके बाद आनंद गिरी, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को कोर्ट में पेश किया गया। आनंद के मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट, कुछ पेन ड्राइव, सीडी सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को पुलिस ने जब्त कर लिया है। पुलिस ने नरेंद्र गिरि के गनर अजय सिंह से भी पूछताछ की है।
पुलिस को मिला वीडियो

महंत नरेंद्र गिरि के मोबाइल की कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) से पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। महंत की मौत से पहले छह से 10 घंटे के बीच जिन-जिन लोगों से उनकी बात हुई है उन सभी से पुलिस पूछताछ करेगी।
सुसाइड नोट पर सवाल, कई लोगों की राइटिंग, कई स्याही

महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट पर सवाल उठ रहे हैं। पंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर, कैलाशानंद गिरी जी ने कहा है कि सुसाइड नोट में लिखे कई शब्द नरेंद्र गिरि के नहीं हैं। मौत की जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में हो। राम विलास वेदांती ने भी कहा कि मामले में सीबीआई जांच हो। क्योंकि वो नोट लिखते ही नहीं थे, नोट में कई स्याही का इस्तेमाल किया गया है, कई लोगों की राइटिंग भी उसमें है।
सुसाइड लेटर में जिन्हें बनाया उत्तराधिकारी, कौन हैं वे बलबीर गिरि

महंत नरेंद्र गिरि के नाम से जो सुसाइड नोट सामने आया है, उसमें उन्होंने बलबीर गिरि को अपना उत्तराधिकारी बताया है। बलबीर गिरि इस समय निरंजनी अखाड़े के उप महंत हैं और हरिद्वार स्थित बिल्केश्वर महादेव मंदिर की व्यवस्था का संचालन करते हैं। इस मंदिर का संचालन बलबीर गिरि 2019 से कर रहे हैं। बलवीर गिरि उत्तराखंड के निवासी हैं और 2005 में वे साधु बने थे।
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