बतादें कि एसपी देवरंजन ने कहा कि किसी ने भी कानून के साथ खिलवाड़ किया तो उससे सख्ती से निबटा जाएगा। आज कुंडा में तनाव को देखते हुए एक एसपी,दो सीओ, 10 एसओ, 50 दरोगा, 400 से अधिक सिपाही, कुंडा में मोहर्रम का त्योहार सकुशल मनाने के लिए तैनात किया गया है। इसके अलावा इलाहाबाद,फतेहपुर,कौशाम्बी, बांदा,व चित्रकूट से भारी मात्रा में फ़ोर्स बुलाया गया है।
इसलिए कराते हैं भंडारा बता दें कि Kunda Police के शेखपुर आशिक में कई साल पहले Muharram के दिन एक बंदर की मौत हो गई थी। लखनऊ- इलाहाबाद हाइवे के किनारे एक हनुमान मंदिर का निर्माण कराया गया था। उसी की याद में पिछले कई सालों से मोहर्रम के दिन यहां राजा उदय प्रताप सिंह हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। साथ ही भंडारे का आयोजन भी करवाते हैं। जबकि इसी रास्ते से मोहर्रम का Tazia भी निकलता है। इस वजह से यहां तनाव की स्थिति बन जाती है। इसी तनाव के चलते साल 2015 में ताजिए 3 दिन बाद निकाला गया था। साल 2016 में प्रशासन किसी तरह ताजिए निकलवाने और भंडारे पर रोक लगाने में कामयाब हो सका था।
पिछले साल भी हुए थे हाउस अरेस्ट
raja bhaiya के पिता उदय प्रताप सिंह परंपरा अनुसार पिछली बार भी Muharram पर Bhandare का आयोजन किए थे। एक बार इसी के चलते मुस्लिम समुदाय के लोगों को तीन दिन बाद ताजिया निकालनी पड़ी थी। जिससे तनाव बढ़ गया था। 2016 में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर भंडारा रोकने का अनुरोध किया था। इस पर हाईकोर्ट ने भंडारा स्थगित करने का निर्देश दिया था। इस आदेश के साथ ही प्रतापगढ़ में तनाव का माहौल भी फैल गया था। एसडीएम ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद भंडारे पर रोक लगाने के साथ ही भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया था। उधर राजाभैया के पिता और उनके समर्थक भंडारे की तैयारी में लगे हुए थे। हालांकि बाद में उनके पिता भंडारा नहीं कराने को लेकर मान गए, उसके बावजूद भी पुलिस बल ने राजा भैया के पिता को भदरी राजमहल में नजरबंद कर दिया।
raja bhaiya के पिता उदय प्रताप सिंह परंपरा अनुसार पिछली बार भी Muharram पर Bhandare का आयोजन किए थे। एक बार इसी के चलते मुस्लिम समुदाय के लोगों को तीन दिन बाद ताजिया निकालनी पड़ी थी। जिससे तनाव बढ़ गया था। 2016 में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर भंडारा रोकने का अनुरोध किया था। इस पर हाईकोर्ट ने भंडारा स्थगित करने का निर्देश दिया था। इस आदेश के साथ ही प्रतापगढ़ में तनाव का माहौल भी फैल गया था। एसडीएम ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद भंडारे पर रोक लगाने के साथ ही भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया था। उधर राजाभैया के पिता और उनके समर्थक भंडारे की तैयारी में लगे हुए थे। हालांकि बाद में उनके पिता भंडारा नहीं कराने को लेकर मान गए, उसके बावजूद भी पुलिस बल ने राजा भैया के पिता को भदरी राजमहल में नजरबंद कर दिया।