कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि जब तक इस मामले में अंतिम फैसला नहीं आ जाता तब तक विश्वविद्यालय के छात्रों से पुराने नियम के तहत ही परीक्षा शुल्क लिया जाए। बतादें कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीते माह स्नातक (बीए, बीएससी, बीकॉम) में 885 रुपये से परीक्षा शुल्क बढ़ाकर 1185 रुपये कर दिया था। इसके अलावा प्रैक्टिकल और मौखिक परीक्षाओं के लिए अलग से सौ रुपये शुल्क देना था। इसी तरह परास्नातक (एमए, एमएससी और एमकॉम) में शुल्क 835 रुपये से बढ़ाकर 1385 रुपये कर दिया गया था।
इसे लेकर पं. कुंदन लाल शुक्ल महाविद्यालय, रनिया, सरला द्विवेदी महाविद्यालय अकबरपुर, केएम कॉलेज ऑफ एजुकेशन घाटमपुर, पूज्य भाऊराव देवरस महाविद्यालय सहित 14 अन्य महाविद्यालयों ने इलाहाबद हाइकार्ट ने याचिका दाखिल कर दिया। इसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने छात्रों के हित में फैसला सुनाया है।