महामण्डलेश्वर के हर प्रवचन में गो माता
माता योगेश्वरी देवी कहती हैं कि गाय का गहराई से आध्यात्मिक महत्व है। गाय के महत्व के प्रति सबको जगाना बहुत जरूरी है। कुम्भ की धरती को खूब हाईटेक बना दिया है। सरकार ने सब कुछ व्यवस्था की लेकिन एक गोशाला होनी चाहिए। वे कुम्भ आने वाले भक्तों को समझाते हुए कहती हैं कि हम सब अमृत तो पाना चाहते हैं लेकिन कामधेनु की सुध लेने में पीछे हट रहे हैं। यही अमृत की बूंदे हैं। जो गोमाता की सेवा से आशीर्वाद मिलता है वही अमृत है। मुझे भी शिविर के समय हवन करते यह प्रेरणा मिली। मुझे सब संत समाज के जरिए यही संदेश देना है कि धर्म की रक्षा करें धर्म हमारी रक्षा करेगा।
माता योगेश्वरी देवी कहती हैं कि गाय का गहराई से आध्यात्मिक महत्व है। गाय के महत्व के प्रति सबको जगाना बहुत जरूरी है। कुम्भ की धरती को खूब हाईटेक बना दिया है। सरकार ने सब कुछ व्यवस्था की लेकिन एक गोशाला होनी चाहिए। वे कुम्भ आने वाले भक्तों को समझाते हुए कहती हैं कि हम सब अमृत तो पाना चाहते हैं लेकिन कामधेनु की सुध लेने में पीछे हट रहे हैं। यही अमृत की बूंदे हैं। जो गोमाता की सेवा से आशीर्वाद मिलता है वही अमृत है। मुझे भी शिविर के समय हवन करते यह प्रेरणा मिली। मुझे सब संत समाज के जरिए यही संदेश देना है कि धर्म की रक्षा करें धर्म हमारी रक्षा करेगा।
अब उठने लगी आवाज
पहली बार कुम्भ में गो संवर्धन की आवाज उचित मंच से उठी तो कुछ ही दिनों में कुम्भ में इसकी चर्चा होने लगी है। अब महामण्डलेश्वर मोहनानन्द जी ने ऐलान भी कर दिया आगे से हर कुम्भ में एक गोशाला होगी। जिसका स्वरूप ऐसा होगा कि कुम्भ आने वाले भक्त वहां जाएंगे तो गो महत्व को समझने का अवसर मिलेगा।
पहली बार कुम्भ में गो संवर्धन की आवाज उचित मंच से उठी तो कुछ ही दिनों में कुम्भ में इसकी चर्चा होने लगी है। अब महामण्डलेश्वर मोहनानन्द जी ने ऐलान भी कर दिया आगे से हर कुम्भ में एक गोशाला होगी। जिसका स्वरूप ऐसा होगा कि कुम्भ आने वाले भक्त वहां जाएंगे तो गो महत्व को समझने का अवसर मिलेगा।
By Dharmendra Yadav