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सीएए हिंसा: पुलिस की कार्रवाई पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार से रिपोर्ट तलब की

locationप्रयागराजPublished: Jan 27, 2020 07:18:17 pm

कोर्ट ने राज्य सरकार को 17 फरवरी तक ब्योरे के साथ हलफ़नामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

Anti CAA Stir

सीएए के खिलाफ प्रदर्शन

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिसिया उत्पीड़न की समूहों, संगठनों अथवा व्यक्तिगत शिकायतो पर कार्रवाई ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि पुलिस (UP Police) के खिलाफ कितनी शिकायते दर्ज की गई। कितने लोग मरे एवं कितने लोग घायल हुए। घायलों को मिली चिकित्सा सुविधा की जानकारी दी जाय। कोर्ट ने यह भी कहा कि मीडिया रिपोर्ट की सत्यता की जांच की गयी या नहीं। मृत लोगों के घर वालों को शव विच्छेदन रिपोर्ट दी गयी या नहीं। कोर्ट ने राज्य सरकार को 17 फरवरी तक ब्योरे के साथ हलफ़नामा दाखिल करने का निर्देश दिया है और मृत लोगों के परिवार वालों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

 

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने पी यू सी एल,पी एफ आई,अजय कुमार सहित आधे दर्जन जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका पर केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की तरफ से हलफ़नामा दाखिल किया गया। राज्य सरकार का पक्ष अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व केंद्र सरकार के अधिवक्ता सभाजीत सिंह ने रखा। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एस एफ ए नकवी,महमूद प्राचा, सहित कई अन्य वकीलों ने बहस की।

 

याचिका में मांग की गयी है कि पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत की एफ आई आर दर्ज करायी जाय और हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश या एस आई टी से घटना की जांच करायी जाय। घायलों का इलाज कराया जाय। याचियोंं का कहना है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों का उत्पीड़न किया है। जिसकी रिपोर्ट विदेशी मीडिया में छपने से भारत की छवि को नुकसान हुआ है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, मेरठ व अन्य नगरों में पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ शिकायतो की विवेचना कर कार्रवाई की जाय। केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि केन्द्रीय सुरक्षा बल राज्य सरकार के बुलाये जाने पर भेजे गए। कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए उचित कार्रवाई की गयी है।

 

राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि विरोध प्रदर्शन में हुई हिंसा में भारी संख्या में पुलिस भी घायल हुई है। पुलिस पर फायरिंग की गयी।प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़, आगजनी कर सरकारी व व्यक्तिगत संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया है।जिसकी विवेचना की जा रही है। कोर्ट ने हर घटना व शिकायत पर की गयी कार्रवाई का ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया है।

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