साढ़े तीन साल बाद सीबीआई ने दाखिल की चार्जशीट
शहर पश्चिमी की पूर्व विधायक और राजू पाल की पत्नी पूजा पाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए 22 जनवरी 2016 को हत्याकांड मामले की विवेचना सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंपते हुए 6 माह में जांच पूरी करने की बात कही थी । लेकिन हत्याकांड मामले की जांच करने में ही सीबीआई ने साढ़े तीन बरस लगा दी। जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने अपनी चार्जशीट लखनऊ की स्पेशल कोर्ट में दाखिल की है । पूर्व विधायक पूजा पाल ने फोन पर बताया कि अगस्त को सीबीआई ने आरोपपत्र लखनऊ के सीजीएम फर्स्ट की अदालत में दाखिल किया उन्होंने कहा कि एक सप्ताह पूर्व सीबीआई ने दिल्ली मुख्यालय में उन्हें बुलाकर इस बात की जानकारी भी दी थी कि चार्जशीट दाखिल की जा रही है लेकिन अभी तक उन्हें इसकी प्रति उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है।
सड़क पर घेर कर मारी थी गोली
बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को धूमनगंज इलाके की जीटी रोड पर दिनदहाड़े घेरकर गोली मार दी गई थी।राजू पाल के साथ उनके दो समर्थक संदीप यादव और देवीलाल की भी मौत हो गई थी ।पूजा पाल की तहरीर पर धूमनगंज पुलिस ने फूलपुर के तत्कालीन सांसद अतीक अहमद छोटे भाई अशरफ फरहान आबिद रंजीत पाल गुफरान सहित नौ लोगों के खिलाफ कत्ल बलवा और आपराधिक साजिश का मुकदमा दर्ज किया था। चर्चित हत्याकांड की विवेचना कर्नलगंज के तत्कालीन इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह को सौंपी गई थी सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने अतीक अहमद और अशरफ समिति 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी कुछ समय बाद इस हत्याकांड के मामले में जांच सीआईडी की अपराध शाखा को सौंप दी गई सीबीसीआईडी ने छह अन्य लोगों के खिलाफ भी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की इस मामले में कुल 17 लोगों को जांच में अभियुक्त माना गया था।
सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर ट्रायल पर थी रोक
हाई प्रोफाइल हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच की याचिका पर सुनवाई करते हुए अप्रैल 2006 में ही प्रयागराज के फास्ट ट्रैक कोर्ट में राजू पाल हत्याकांड के ट्रायल पर रोक लगाते हुए यूपी सरकार समेत अन्य पक्षों को नोटिस जारी किया था।
सियासी महत्वाकांक्षा थी राजू पाल हत्या
बताया जाता है कि राजू पाल हत्याकांड के पीछे सियासी महत्वाकांक्षा थी। राजू पाल ने शहर पश्चिमी से पांच बार विधायक रहे अतीक अहमद के गढ़ में सेंध लगाई थी 2004 में अति के फूलपुर सीट पर सांसद होने के बाद उपचुनाव में राजू पाल ने उनके भाई अशरफ को हरा दिया था आरोप लगा कि अशरफ की हार के गुस्से में राजू पाल की हत्या कर दी गई ।