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लोकसेवा आयोग में सीबीआई टीम के सामने बुरे फंसे अधिकारी ,हुआ बड़ा खुलासा

locationप्रयागराजPublished: Feb 26, 2018 02:49:11 am

सपा सरकार में हुए घोटालो और भ्रष्टाचार की जाँच कर रही है सीबीआई

CBI inquiry

लोकसेवा आयोग में सीबीआई टीम के सामने बुरे फंसे अधिकारी

इलाहाबाद उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग में कैम्प कर रही सीबीआई टीम एक के बाद एक लगातार गड़बड़ियो का पन्ना खोल रही है । जाँच कर रही सीबीआई की टीम ने पीसीएस प्री 2015 परीक्षा की ओएमआर सीट मांगी तो आयोग के जिम्मेदार अधिकारियों की हालत खराब हो गई । पहले ओएमआर सीट की फोटो कॉपी देने की बात आयोग द्वारा कही गई। जब सीबीआई टीम ने ओरिजनल ओएमआर कॉपी मांगी तब वह दी गई, जांच टीम ने कहा जिसका पेपर आउट हुआ ।परीक्षा रद्द कर पुनः परीक्षा कराई गई थी। उसकी ओएमआर कहा है ।पेपर लीक होने के बाद हुए परीक्षा की ओएमआर सीट मांगी गई । तो आयोग के सभी लोग हैरान रह गए।

आयोग के सूत्रों के मुताबिक पूर्व डीजीपी जगमोहन के पुत्र तथा पुत्री का ओएमआर आयोग में भरा गया था। जब सीबीआई की आहट सुनाई पड़ी तो अनिरूद्ध यादव ने परीक्षा नियंत्रक प्रभुनाथ सचिव अटल राय अनुभाग के अधिकारी रिजवान आयोग के मीडिया इंचार्ज सुरेन्द्र उपाध्याय की मदद से आयोग में कटिंग मशीन लाकर मुख्य ओएमआर सीट कटवाई तथा कबाड़ के रूप में बेंच दिया गया। जबकि पीसीएस 2015 प्रारम्भिक परीक्षा का पेपर अभी भी सुरक्षित रखे है। वह पेपर जो रदद् किया गया था पीसीएस 2015 प्रारम्भिक परीक्षा की ओएमआर सीट देने में सीबीआई टीम को धोखा देने का प्रयास किया गया। सीबीआई द्वारा बार बार मांगने पर बताया गया कि वह ओएमआर कटिंग कर कबाड़ में बेंच दिया गया है। सीबीआई उन कारणों को जानने में जुटी है की किस कारण बाद में हुई परीक्षा का ओएमआर कबाड़ में बेचा गया। जबकि उसके पहले का ओएमआर संरक्षित है । अब इसका जवाब आयोग के पास नही।

गौरतलब है कि पीसीएस 2015 की प्रारम्भिक परीक्षा 29 मार्च 2015 को हुई थी । परीक्षा के पूर्व पेपर आउट हो गया था । आयोग ने दूसरा पेपर कराया, 30 मार्च को आयोग के बाहर छात्रों का उग्र प्रदर्शन हुआ । जिसमें जिला प्रशासन द्वारा छात्रों पर गोली चलाई गई थी। भारी विरोध के कारण आयोग को परीक्षा रद्द करनी पड़ी । किन्तु केवल प्रथम प्रश्न पत्र ही रदद् किया गया। खास बात यह है की आयोग अभी तक 29 मार्च का रदद् पेपर कबाड़ नही माना है। जबकि 10 मई का पेपर रद्दी के भाव कटिंग कर बेंच दिया है। सीबीआई को जवाब देने के लिए आयोग के पास कोई उत्तर नही है । सीबीआई अभी भी 10 मई का वह प्रश्न पत्र मांग रही है । जिसके आधार पर मुख्य परीक्षा की मेरिट बनी थी।

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