आयोग के सूत्रों के मुताबिक पूर्व डीजीपी जगमोहन के पुत्र तथा पुत्री का ओएमआर आयोग में भरा गया था। जब सीबीआई की आहट सुनाई पड़ी तो अनिरूद्ध यादव ने परीक्षा नियंत्रक प्रभुनाथ सचिव अटल राय अनुभाग के अधिकारी रिजवान आयोग के मीडिया इंचार्ज सुरेन्द्र उपाध्याय की मदद से आयोग में कटिंग मशीन लाकर मुख्य ओएमआर सीट कटवाई तथा कबाड़ के रूप में बेंच दिया गया। जबकि पीसीएस 2015 प्रारम्भिक परीक्षा का पेपर अभी भी सुरक्षित रखे है। वह पेपर जो रदद् किया गया था पीसीएस 2015 प्रारम्भिक परीक्षा की ओएमआर सीट देने में सीबीआई टीम को धोखा देने का प्रयास किया गया। सीबीआई द्वारा बार बार मांगने पर बताया गया कि वह ओएमआर कटिंग कर कबाड़ में बेंच दिया गया है। सीबीआई उन कारणों को जानने में जुटी है की किस कारण बाद में हुई परीक्षा का ओएमआर कबाड़ में बेचा गया। जबकि उसके पहले का ओएमआर संरक्षित है । अब इसका जवाब आयोग के पास नही।
गौरतलब है कि पीसीएस 2015 की प्रारम्भिक परीक्षा 29 मार्च 2015 को हुई थी । परीक्षा के पूर्व पेपर आउट हो गया था । आयोग ने दूसरा पेपर कराया, 30 मार्च को आयोग के बाहर छात्रों का उग्र प्रदर्शन हुआ । जिसमें जिला प्रशासन द्वारा छात्रों पर गोली चलाई गई थी। भारी विरोध के कारण आयोग को परीक्षा रद्द करनी पड़ी । किन्तु केवल प्रथम प्रश्न पत्र ही रदद् किया गया। खास बात यह है की आयोग अभी तक 29 मार्च का रदद् पेपर कबाड़ नही माना है। जबकि 10 मई का पेपर रद्दी के भाव कटिंग कर बेंच दिया है। सीबीआई को जवाब देने के लिए आयोग के पास कोई उत्तर नही है । सीबीआई अभी भी 10 मई का वह प्रश्न पत्र मांग रही है । जिसके आधार पर मुख्य परीक्षा की मेरिट बनी थी।