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नियुक्ति के समय मेरिट का ध्यान नहीं रखने पर हाईकोर्ट में चुनौती

locationप्रयागराजPublished: Jan 14, 2020 09:46:53 pm

मामले की सुनवाई 20 फरवरी को

Challenge High Court not taking care of merit at time of appointment

नियुक्ति के समय मेरिट का ध्यान नहीं रखने पर हाईकोर्ट में चुनौती

प्रयागराज। पुलिस, पीएसी और अग्निशमन विभाग में 41610 कांस्टेबलों की भर्ती में रिक्त रह गये 3294 पदों पर नियुक्ति के समय मेरिट का ध्यान नहीं रखने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है। याचीगण का कहना है कि अधिक अंक प्राप्त करने के बावजूद उनको फायर विभाग में नियुक्ति दी गयी जबकि मेरिट में उनसे कम अंक प्राप्त अभ्यर्थियों को सिविल पुलिस में नियुक्ति दी जा रही है। मंजीत सिंह और दर्जनों अन्य की याचिकाआंे पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने पुलिस भर्ती बोर्ड और प्रदेश सरकार से इस मामले में जानकारी मांगी है।


कोर्ट ने सिविल पुलिस में चयनित 516 अभ्यर्थियों को भी नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि कांस्टेबल भर्ती पूरी होने के बाद एक्स सर्विस मैन और फ्रीडम फाइटर कोटे आदि के कुल मिलाकर 3294 पद रिक्त रह गये थे। इसे लेकर अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट चले गए। सुप्रीम कोर्ट ने रिक्त पदों को मेरिट के आधार पर भरने का निर्देश दिया।

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इस आदेश के पालन में भर्ती बोर्ड ने 11 नवम्बर 2019 को कट आफ मेरिट जारी की। इस कट आफ मेरिट को याचिका में चुनौती दी गयी। कहा गया कि याचीगण के अंक कट आफ मेरिट से अधिक है। इसके बावजूद उनको फायर विभाग में नियुक्ति दी गयी जबकि कम अंक पाने वालों को सिविल पुलिस में नियुक्ति दी जा रही है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आधार पर चयन का आदेश दिया था। याचिका पर अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।

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