कोर्ट ने सिविल पुलिस में चयनित 516 अभ्यर्थियों को भी नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि कांस्टेबल भर्ती पूरी होने के बाद एक्स सर्विस मैन और फ्रीडम फाइटर कोटे आदि के कुल मिलाकर 3294 पद रिक्त रह गये थे। इसे लेकर अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट चले गए। सुप्रीम कोर्ट ने रिक्त पदों को मेरिट के आधार पर भरने का निर्देश दिया।
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इस आदेश के पालन में भर्ती बोर्ड ने 11 नवम्बर 2019 को कट आफ मेरिट जारी की। इस कट आफ मेरिट को याचिका में चुनौती दी गयी। कहा गया कि याचीगण के अंक कट आफ मेरिट से अधिक है। इसके बावजूद उनको फायर विभाग में नियुक्ति दी गयी जबकि कम अंक पाने वालों को सिविल पुलिस में नियुक्ति दी जा रही है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आधार पर चयन का आदेश दिया था। याचिका पर अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।