जिस पर उत्तराखंड जिले के झबरेड़ा थाने व सहारनपुर जिले के नागल, देवबंद व गागलहेड़ी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। जिसमें इस दौरान मृतकों की संख्या लगभग 144 हो गई। जो उत्तराखंड के झब्रेदा थाना अंतर्गत क्षेत्र व सहारनपुर जिले के रहने वाले थे। इसके साथ ही जहरीली शराब पीने से कई लोग बीमार भी हुए थे जिनकी आंख की रोशनी चली गई। याचिकाकर्ता का तर्क था कि उन्होंने केवल केमिकल की सप्लाई की है जो कि अपनी जीएसटी पर दिया है जो केवल व्यावसायिक कार्य हैं।
इनके द्वारा कोई भी गलत तरीके से सप्लाई नहीं की गई। यह भी तर्क रखा गया कि उनका नाम केवल अभियुक्तों के बयान में आया है और कोई साक्ष्य नहीं है। जबकि राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि इनके द्वारा जीएसटी का प्रयोग तीन फर्मों द्वारा किया गया। जबकि माल की सप्लाई अमित गुप्ता के गो डाउन शिव शक्ति कंपाउंड से की गई। झबरेडा पुलिस द्वारा शिव शक्ति कंपाउंड से 56 ड्रम केमिकल की रिकवरी की गई। जिसकी एफएसएल की रिपोर्ट में मिथाइल एल्कोहल आया है।
मिथाइल अल्कोहल एक जहरीला पदार्थ है। जिसके क्रय विक्रय के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है जो प्राधिकृत अधिकारी द्वारा जारी किया जाता है। आरोपियों को जहरीली शराब बनाकर बेचने की पूरी जानकारी थीं ।इसके साथ ही मृतकों के विसरा में भी मिथाइल अल्कोहल के संदर्भ में एफ एस एल द्वारा रिपोर्ट दी गई। सहारनपुर जिले के गागलहेडी थाने में कुल 49 तथा नगर थाने में कुल 40 व देवबंद थाने में कुल 10 लोग जहरीली शराब पीने से मरे थे जिनका पोस्टमार्टम किया गया था।