यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने गौतमबुद्ध नगर के कादरपुर गांव के किसान सोहन लाल की अवमानना याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता प्रेम कुमार चैरसिया ने बहस की। याची का कहना है कि प्लाट संख्या 172ए व 172बी के अधिग्रहण की वैधता को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है। कोर्ट ने याचिका पर जवाब मांगा और विवादित जमीन की यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया है।
याची की जमीन यमुना एक्सप्रेस वे अथारिटी के पक्ष में अधिग्रहीत की गयी। जिसने बाबा रामदेव की कम्पनी पतंजलि आयुर्वेद को आवंटित किया है। कोर्ट के स्थगनादेश के बावजूद कम्पनी ने याची के प्लाट को कंटीले तारों से घेर लिया है। इसकी शिकायत किये जाने के बावजूद कोर्ट के आदेश की लगातार अवहेलन की जा रही है। कोर्ट ने विपक्षियों को एक माह में आदेश के पालन का मौका दिया है।
बार और बेंच में सामंजस्य जरूरीः जेबी सिंह
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में महासचिव पद के प्रत्याशी जेबी सिंह का कहना है कि मौजूदा समय में बार और बार का सामंजस्य बिगड़ा है। इससे वकीलों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। वहीं हाईकोर्ट बार के चुनाव में औपचारिकता मात्र शेष रह गयी है। बार के चुनाव में प्रत्याशी घिसे पिटे पुराने वादों के आधार पर मतदाताओं को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए श्री सिंह ने कहा कि उन्होंने महासचिव के पद पर चुनाव लड़ने का मन लिया है। उन्होंने कहा कि बार का चुनाव बार के सदस्यों के द्वारा नियंत्रित, निर्देशित और संचालित होना चाहिए इसमें बेंच का हस्तक्षेप उचित नहीं है।
by Prasoon Pandey