ढाई बीघा रकबे में बना है मंदिर परिसर प्रयागराज दारागंज स्थित वेणी माधव मंदिर कुल ढाई बीघा रकबे के क्षेत्रफल में यह परिसर बना है। इसके साथ ही इसमें अतिथि गृह, मंदिर और कमरे बने हैं। इसी मंदिर से जुड़े 13 बीघा जमीन गोंडा में भी है। मंदिर की संपत्ति पर अधिकार जमाते हुए महानिर्वाणी अखाड़ें चार महंतों ने अधिकार का दावा ठोक दिया है। संपति के विवाद का अब मामला पुलिस थाने पहुंच गया है। मंदिर पीठाधीश्वर वैभव गिरि ने आरोप पत्र के जरिये महानिर्वाणी अखाड़े के संत रघुराज गिरि, उमाशंकर गिरि, जितेंद्र गौड़, अभिषेक दुबे और विजय तिवारी समेत कई पर संतों के खिलाफ मारपीट, जबरन कब्जा को लेकर तहरीर दी है। वर्तमान में इस मंदिर परिसर की कुल कीमत अरबों में बताया जा रहा है।
वसीयत वैभव गिरि के नाम वेणी माधव मंदिर की पीठाधीश्वर साध्वी वैभव गिरि ने जानकारी देते हुए बताया है कि वेणी माधव मठ और मंदिर की वह उत्तराधिकारी है। उनके गुरु ओंकार गिरि ने ने उत्तराधिकारी घोषित किया है। इसके लिए उन्होंने 2007 में ही रजिस्टर्ड वसीयत किया है। वेणी माधाव मंदिर और मठ जुड़े संपति मेरे नाम है। संपति को लेकर समय आने पर कागजात दिखाई जाएगी।
3013 में महानिर्वाणी से जूना अखाड़ा में शामिल हुए थे ओंकार गिरि वेणी माधव मंदिर के महंत रहे ओंकार गिरि ने 2013 में महानिर्वाणी अखाड़ा को त्याग कर जूना अखाड़ा में शामिल हो गए थे। 5 मई 2020 में महाराज ओंकार गिरि ब्रह्मलीन हो गए तो वेणी माधव की गद्दी साध्वी वैभव गिरि को मिल गई। वसीयत के हिसाब से वेणी माधव मंदी की गद्दी का उत्तराधिकारी बनाया गया है। नियम स्वरूप संतों ने चदरविधि के साथ ही साध्वी वैभव गिरि का पट्टाअभिषेक किया गया। तभी से इस मंदिर और मठ की उत्तराधिकारी वैभव गिरि को बना दिया गया।