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प्रयागराज में खुलेगी देश की पहली इंटरेक्टिव गैलरी, 1857 से 1947 तक की हर क्रांति की होंगी अमर निशानियां

locationप्रयागराजPublished: Sep 02, 2021 06:06:52 pm

Submitted by:

Nitish Pandey

पीएम मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत इस गैलरी के निर्माण को बेहद खास माना है। पीएमओ ने संस्कृति मंत्रालय से इस संबंध में जानकारी मांगी थी।

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प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में स्थित संग्रहालय में देश की पहली इंटरेक्टिव गैलरी में प्रथम विश्व युद्ध में इस्तेमाल किए गए मशीनगन और तोप को भी प्रदर्शित किया जाएगा। इस संग्रहालय में 1857 से लेकर 1947 तक की हर क्रांति को प्रदर्शित किया जाएगा। पीएम मोदी ने इस गैलरी को अहम बताते हुए इसके भव्य निर्माण की इच्छा जताई है। इससे इस गैलरी के निर्माण की तीन साल से ठहरी प्रक्रिया तेज हो गई है। वहीं प्रधामनंत्री कार्यालय ने इस गैलरी के संबंध में संस्कृति मंत्रालय से जानकारी ली है।
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ऑडियो और वीडियो के जरिए बयां होंगी क्रांतिगाथा
इस गैलरी में स्वतंत्रता आंदोलन की हर क्रांति को लाइट और साउंड के जरिए दिखाया जाएगा। सभी क्रांतिकारियों की कहानियां भी ऑडियो और वीडियो के माध्यम से बयां होंगी। वहीं इस गैलरी में अंग्रेजों से लड़ाई में इस्तेमाल किए गए कई छोटे-बड़े हथियार प्रदर्शित किए जाएंगे। यह गैलरी अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद को समर्पित सशस्त्र क्रांति से जुड़े दस्तावेजों, हथियारों, वस्त्रों के अनूठे संग्रह के रूप में एक डिजिटल अनुभव देगी।
चंद्रशेखर आजाद की पिस्टल भी बढ़ाएगी गैलरी का मान

वहीं इस खास गैलरी में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की कोल्ट पिस्टल भी रखी जाएगी, इसी पिस्टल से उन्होंने अल्फ्रेड पार्क में ब्रिटिश फौज का पसीना छुड़ाया था। हालांकि चंद्रशेखर आजाद बाद में इसी पिस्टल से अपनी कनपटी में गोली मारकर शहीद हो गए थे। यह पिस्टल संग्रहालय के सेंट्रल हाल में रखी हुई है।
काकोरी कांड की चिट्ठियां भी होंगी इस गैलरी में
जानकारी के अनुसार लखनऊ के काकोरी कांड के दस्तावेज और उसमें शामिल क्रांतिकारियों की जेल से लिखी चिट्ठियों को भी इस खास गैलरी में रखने की तैयारी है। इसके आलावा विष्णु शरण दुबलिश का ऐतिहासिक पत्र भी लोग इस गैलरी में देख सकेंगे, जिसे दुबलिश ने एक नवंबर 1937 को अंडमान जेल से छूटने के बाद लिखा था।
पीएम मोदी ने माना है बेहद खास

पीएम मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत इस गैलरी के निर्माण को बेहद खास माना है। पीएमओ ने संस्कृति मंत्रालय से इस संबंध में जानकारी मांगी थी। जिसके बाद संस्कृति मंत्रालय की ओर से आजाद गैलरी के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय को अवगत कराया गया है।
तेज कर दिया गया है गैलरी की डिजाइन का काम
इस संबंध में संग्रहालय के निदेशक डॉ सुनील गुप्ता का कहना है कि इसके लिए संग्रहालय की ओर से मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी गई थी। अब इस इंटरेक्टिव गैलरी की डिजाइन के लिए काम तेज कर दिया गया है।
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