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कोर्ट नहीं दे सकती जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने का निर्देश: इलाहाबाद हाईकोर्ट

locationप्रयागराजPublished: Jan 21, 2020 08:59:27 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

जनहित याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार, कहा- कोर्ट के पास विधायी शक्तियां नहीं है ।

Allahabad High Court

इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर हस्तक्षेप से इन्कार करते हुए कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण कानून को बनाने का निर्देश देना कोर्ट का काम नहीं है । सरकार को जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने के लिए निर्देश जारी करने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर यह कहते हुए हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है कि कोर्ट के पास विधायी शक्तियां नहीं है, इसलिए कोर्ट सरकार को कोई कानून बनाने का आदेश नही दे सकती।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने वाराणसी के सामाजिक कार्यकर्ता नित्यानन्द चौबे की जनहित याचिका को ख़ारिज करते हुए दिया है। याचिका पर भारत सरकार की अधिवक्ता आराधना चौहान ने प्रतिवाद किया। इनका कहना था कि राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 के तहत मां व बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है। परिवार नियोजन एक्षिक है। पति पत्नी परिवार नियोजन करने के लिये अपनी मर्जी से निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। उनपर किसी प्रकार का दबाव नहीं है। हालांकि विधि आयोग ने अनुच्छेद 47 ए के तहत जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की शिफारिश की है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को कानून बनाने का आदेश देने का कोर्ट समादेश जारी नहीं कर सकती।
BY- Court Corrospondence

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