रोहन की जमानत अर्जी पर यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने दिया है। याची के खिलाफ 11 अग्स्त 2016 को मुरादनगर थाने में मामला दर्ज हुआ था। आरोप है कि बृजपाल तेवतिया के काफिले को रोक कर उस पर अत्याधुनिक असलहों ए के 47 और देशी असलहों से अंधाधुंध फायरिंग की गई । जिसमें कई लोग घायल हो गए। याची का कहना था कि उसका नाम प्राथमिकी में नहीं है। प्राथमिकी अज्ञात में दर्ज कराई गई। बाद में वादी मुकदमा ने अपने बयान में उसका नाम लिया। कोई पहचान परेड नहीं कराई गई। याची के नाम के आगे उर्फ लगाया गया है जिससे यह साबित नहीं है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा है वह याची ही है। जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा गया कि याची का लंबा आपराधिक इतिहास है। उस पर छह गंभीर अपराधों के मुकदमे पहले से दर्ज हैं। सह अभियुक्त की भी जमानत खारिज हो चुकी है। कोर्ट ने घटना के तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर जमानत अर्जी नामंजूर कर दी है।