न्यायिक मजिस्ट्रेट ने यह कहते हुए पैरोल की अर्जी को खारिज कर दिया, सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक व्यवस्था के अनुसार विचाराधीन कैदियों के लिए पैरोल की सुविधा नहीं दी जा सकती है। मजिस्ट्रेट ने कहा कि अतीक अहमद सजायाफ्ता कैदी नहीं है, इन पर मामले विचाराधीन हैं। इसके तहत इन्हें पैरोल पर नहीं छोड़ा जा सकता। अतीक अहमद के वकीलों ने उनकी बीमारी का भी हवाला दिया और कहा की जेल प्रशासन उनके इलाज की व्यवस्था नही कर रहा है। गौरतलब है की अतीक एक साल से जेल में बंद हैं। अतीक अहमद पर तमाम गंभीर मामले दर्ज हैं । बीते दिनों चुनावी हलफनामे में दर्शाया गया है कि अतीक अहमद पर 120 मुकदमे दर्ज हैं ।
बता दें कि बीते साल शुआट्स इंस्टिट्यूट में शिक्षक के साथ मारपीट करने का वीडियो सामने आया था, जिसके बाद से ही अतीक अहमद पर कानूनी शिकंजा कसा और उन्हें जेल जाना पड़ा। अतीक अहमद फूलपुर लोकसभा से समाजवादी पार्टी के टिकट पर पूर्व में सांसद रह चुके हैं । लेकिन समाजवादी पार्टी से उनका टिकट काटे जाने के बाद से नाराज अतीक अहमद ने समाजवादी पार्टी के बड़े वोट बैंक में सेंध लगाते हुए फूलपुर से निर्दलीय नामांकन किया है। अतीक इलाहाबाद शहर पश्चिमी से 5 बार विधायक और एक बार सांसद रहे हैं । इन पर बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड सहित कई दर्जन मामले दर्ज है ।