यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने अधिवक्ता कमल कृष्ण राय व 4 अन्य की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याची का कहना था कि दुर्घटना के 40 घंटे बाद मृतकों व घायलों को एक वाहन मे रखकर झारखंड भेजने की अमानवीय घटना पर रोक लगाई जाय।
मांग की गयी थी कि घायलों को राज्य में न भेजकर वही इलाज कराये जाने तथा उचित मुआवजा दिये जाने की सरकार को नीति बनाने का निर्देश दिया जाय।मृतकों के साथ सम्मान जनक मानवीय व्यवहार किया जाय।