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Crime In Prayagraj : डिप्टी सीएम के शहर में लगातार बढ़ रहा अपराध का ग्राफ , अपराधियों ने उड़ाई पुलिस प्रशासन की नींद

locationप्रयागराजPublished: Jul 06, 2019 01:58:09 pm

Crime In Prayagraj : डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के शहर में लगातार हो रहे अपराध
शहर में दिन दहाड़े चली कार्बाइन से गोलियां
अपराध का ग्राफ एक वर्ष में बढ़ा

प्रयागराज। सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या का गृह जिले प्रयागराज में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। जिले में लगातार आपराधिक वारदातें हो रही हैं और बेखौफ बदमाशों के आगे खाकी ने घुटने टेक दिए हैं। हाल के दिनों में जिले में हुई कई हत्याओं से संगम नगरी दहल उठी है। अपराध के आंकड़े बताते हैं कि पुलिस का अपराधियों पर कोई अंकुश नहीं रह गया है। जिले में लूट, हत्या, बलात्कार, डकैती और छेड़खानी के मामलों की बाढ़ सी आ गयी है। लेकिन हाल में ही जिला पंचायत सदस्य पर हुए हमले में अत्याधुनिक हथियारों कार्बाइन से हुए हमले ने पुलिस के आलाधिकारियों की नींद उड़ा दी है। वहीं प्रयागराज में बढ़े अपराध के ग्राफ को लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने भी तेवर तल्ख कर लिये हैं।

बेखौफ बदमाशों के आगे खाकी बेबस नजर आ रही है। पिछले तीन-चार महीने से लगातार अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है। सबसे बड़ी चुनौती जहां शूटर दे रहे हैं। वहीं जेलों में बैठे अपराधी भी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। जिससे पुलिस के लिए असली अपराधियों तक पहुंचना बेहद मुश्किल हो रहा है। पिछले छह माह की अर बात करें तो लगभग हर दिन बदमाश पुलिस को चुनौती दे रहे हैं। जनवरी से जून तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो अपराध की बेहद खौफनाक तस्वीर सामने उभर कर आती है। इस साल जनवरी से अब तक जिले में 75 हत्यायें हो चुकी हैं। छह डकैती और लूट के 60 से ज्यादा मामले सामने आये हैं। जबकि हत्या के प्रयास के 110 मामले जिले के विभिन्न थानों में दर्ज हुए हैं। दुष्कर्म के मामलों ने तो मानों सारा रिकार्ड ही तोड़ दिया है। इस साल अब तक दुष्कर्म के 45 मामले दर्ज हो चुके हैं। अपराध में ग्रामीण इलाकों की स्थिति ज्यादा खराब है। दो ऐसे मामले भी सामने हैं जिनमें जेल से बंद अपराधियों ने हत्या के लिए शूटरों से हमला कराया है। इसमें झूंसी में जिला पंचायत सदस्य अशोक यादव के काफिले पर कार्बाइन से हमला और रंगदारी न देने पर झूंसी के कारोबारी विहिप नेता विजय कुमार अग्रवाल की दुकान में घुसकर उन पर गोलियां बरसाने के मामले शामिल हैं। इसके साथ ही अधिवक्ता सुशील पटेल, हिस्ट्रीशीटर बच्चा यादव की गोली मारकर हत्या जैसे कई मामलों की लम्बी फेहरिस्त है। लेकिन पुलिस क्राइम कन्ट्रोल में पूरी तरह से फिसड्डी साबित हो रही है।
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वहीं प्रयागराज जोन के नये डीआईजी के.पी.सिंह अपराध पर नियन्त्रण के लिए नई रणनीति बनाकर काम करने की बात कह रहे हैं। उन्होंने स्पेशल टीमें गठित कर अपराधियों पर शिकंजा कसने और जेलों में बैठकर अपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधियों का नेटवर्क तोड़ने का दावा किया है।
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वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या भी प्रदेश के दूसरे जिलों के साथ ही प्रयागराज में बढ़े अपराध के ग्राफ पर बेहद सख्त तेवर दिखाये हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि अपराधी कतई बक्शे नहीं जायंगे। जेल के अंदर हो या बाहर अपराध करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जायेगी। बहरहाल, सुशासन और जीरो टालरेंस का दावा करने वाली योगी सरकार में डिप्टी सीएम के जिले में ही ताबड़तोड़ वारदातें हो रही हैं। अब देखना ये है कि नये डीआईजी के आने के बाद अपराध पर किस तरह से लगाम लगती है और हत्याओं का सिलसिला कब खत्म होता है।
अपराध वर्ष 2018 वर्ष 2019 अब तक
हत्या 63 75
डकैती 01 06
लूट 58 60
दुष्कर्म 30 45
हत्या का प्रयास 63 110
नकबजनी 178 227
वाहन चोरी 906 780
बलवा 37 159
अन्य अपहरण 229 184
फिरौती अपहरण 01 02

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