जबकि बंगला नम्बर 11 के मालिक इम्तियाज अहमद ‘चावल’ एवं उसके पुत्र तारिक को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने रिहा कर दिया है। यह फैसला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुदीप कुमार जायसवाल ने अपर जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चन्द्र अग्रहरि एवं अभियुक्तों के अधिवक्ताओं को सुनकर दिया है।
गौरतलब है कि बंगला नम्बर 11 में 14 मई 2006 को सुबह 8.30 बजे बंगले में रहने वालीं वादिनी रघुबाला गर्ग एवं कुमुदनी सिंह के बीच हुए विवाद में दरोगा शत्रुघ्न सिंह द्वारा वादिनी के गार्ड की लाइसेंस रायफल से गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस वारदात में कुमुदनी सिंह पर दरोगा पति के साथ घटना में सहयोग का आरोप लगा था, जबकि बंगला मालिक इम्तियाज अहमद एवं उनके पुत्र द्वारा अभियुक्तों को कार में बैठाकर भगाने का आरोप था। इस प्रकरण में पहली बार देखा गया कि अभियोजन की ओर से 8 गवाह पेश किए गए, जबकि अभियुक्तों की ओर से 15 गवाह सफाई साक्ष्य रूप में प्रस्तुत किए गए।
अभियोजन इम्तियाज एवं उनके पुत्र के विरूद्ध साक्ष्य प्रस्तुत करने में असफल रहा। इसलिए उन्हें दोषमुक्त करार दिया गया। वहीं दरोगा को आजीवन कारावास की सजा एवं 25 हजार के जुर्माने की सजा से दंडित किए जाने का आदेश कोर्ट ने किया है। साथ ही जुर्माना न अदा करने की दशा में दरोगा को छह-छह माह की सजा और भुगतना पड़ेगा। इसके साथ ही कोर्ट ने दरोगा की पत्नी कुमुदनी सिंह को भी तीन माह की सजा से दंडित किया है।