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यहां एक दिन के लिए थाने हुए जब बेटियों के हवाले, तो किसी ने की शोहदे पर कार्रवाई तो किसी ने किया इंसाफ

locationप्रयागराजPublished: Dec 10, 2017 10:52:39 am

Submitted by:

arun ranjan

तेवर देख लोग भी रहे गए दंग, नारी सुरक्षा सप्ताह के तहत प्रोत्साहन के लिए सौंपा गया था प्रभार

इलाहाबाद. संगम नगरी इलाहाबाद के विभिन्न थाने शनिवार को जब एक दिन के लिए बेटियों के हवाले हुए तो उनके तेवर के साथ शहर का नजारा भी कुछ हट के नजर आया। थानेदारी की कुर्सी संभाल उन्होंने पुलिस विभाग की जिम्मेदारियों को समझते हुए कार्रवाई करने में भी कोई गुरेज नहीं की। इसे देख उनके माता पिता के साथ शहर गर्व महसूस करता नजर आया।

 

नारी सुरक्षा सप्ताह के तहत शनिवार को इलाहाबाद के छह थानों में आठ छात्राओं को थाना प्रभारी बनाया गया। इसमंे उन्हीं छात्राओं को कमान सौंपी की गई जो अपने संस्था में श्रेष्ठ रहीं हैं। इस दौरान बिशप जाॅनसन स्कूल की कक्षा 11वीं की छात्रा साक्षी ने सिविल लाइंस थाने का प्रभार संभाला। साक्षा थाने में पहुंचते ही वहां के पुलिसवालों से मुलाकात की। साथ ही बैरक की स्थिति को देखा और समझा।

उन्होंने थाने में दो फरियादियों की समस्याएं भी सूनीं। इसके बाद वो जीप से अपने काॅलेज पहंुचीं। वहां हर दिन की तरह कल भी शोहदों का जमावड़ा लगा था। उन्होंने वहां पहुंचते ही दो लड़कों को रेल कार्ड दिया और दो लड़कों पर कार्रवाई की। बेटी को थाना प्रभारी के रूप में देख पिता विनोद वर्मा काफी भावुक नजर आए। वहीं आर्यकन्या काॅलेज की टाॅपर प्रगति मिश्रा को मुट्ठीगंज थाना प्रभारी बनाया गया।

प्रगति ने प्रभार थाने में प्रत्येक कर्मचारियों के काम करने का तरीका जाना। थाने में पहुंचने वाले फरियादियों की समस्याओं को सूना और उसके निस्तारण को लेकर चैकी इंचार्ज से चर्चा की। कर्नलगंज थाने का प्रभार इविवि की शोध छात्रा सविता साहू, एमएससी की छात्रा प्रीति यादव और बीकाॅम की छात्रा यशस्वी पांडेय को बनाया गया। इन्होंने भी थाने की विभिन्न कार्यप्रणालियों को जानने की इच्छा जाहिर की।
साथ ही थाने आने वाले फरियादियों को सूना और मदद की। दारागंज थाने में कच्ची सड़क की कोतवाली बनी मीनू ने महिला पुलिसकर्मियों के दिनचर्या को समझा। उनके काम करने के तरीकों को नजदीकी से जाना। इसके अलावा खुल्दाबाद थाने की प्रभारी बनी छात्रा रविश्री राजे ने चार्ज संभालते ही सिपाहियों की समस्याएं सूनी। उनकी परिस्थितियो को समझा। साथ ही दो सिपाहियों को छुट्टी भी दी।
इनके अलावा बीए की छात्रा भावना अवस्थी ने कोतवाली का चार्ज संभाला तक उन्होंने महसूस किया कि पुलिस का कार्य कितना कठिन है। उन्होंने कोतवाली में जाना कि किसी भी फरियादी की समस्या का निस्तारण आसान नहीं होता।
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