केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यक्रम को बेहद गोपनीय रखा गया था। एयरपोर्ट से लेकर किले तक किसी भी सिविल ऑफिसर की जाने की अनुमति नहीं थी।रक्षा मंत्री लगभग चार घंटे शहर में रही।रक्षा मंत्री आर्मी ऑफिसरों के साथ मीटिंग की।और किले के प्रेसिडेंटियल टेरिस से संगम क्षेत्र का मुआयना किया। सेना के अधिकारी उन्हें संगम क्षेत्र की ओर खुलने वाले मार्गो को दिखाया और उसकी जानकारी देते हुए दिखे।
रक्षा मंत्री के गोपनीय कार्यक्रम की जानकारी किसी को नही दी गई। लेकिन दौरे से लौटते ही रक्षा मंत्री ने अपने ट्विटर से जानकारी साझा करते हुए बताया की आगामी कुभ के मद्देनजर रक्षा मंत्री कुंभ मेला के लिए सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारी की योजना बनाने के लिए जनरल बिपिन रावत के साथ इलाहाबाद में ओडी (ऑर्डनेंस डिपो) किला का दौरा किया हैं।
बता दें की सालो से स्थानीय लोगो की मांग है की किले को पर्यटकों के लिए खोला जाये।साथ ही अकबर के किले में स्थित प्राचीन अक्षय वट को भी दर्शन के लिए मार्ग दिया जाये। माना जा रहा है कि कुंभ से पहले अक्षय वट सहित किले का कुछ हिस्सा पर्यटकों के लिए खोला जा सकता है। जिसके मद्देनजर आज केंद्रीय रक्षा मंत्री ने अपना दौरा किया है,अधिकारियों के साथ इसकी जानकारी ली है।
बता दें की कई सालो से अकबर का किला भारतीय सेना के पास है। सेना का बड़ा आयुध भंडार केंद्र होने के चलते किले में जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है।स्थानीय लोगो की मांग को देखते हुए संगम तट से लगे हुए मार्ग को 2013 में जनरल विश्वभर दयाल ने आम जनता के लिए खुलवाया था।जिससे किले में स्थित पातल पूरी में जाकर लोग दर्शन पूजन कर सकते है। लेकिन अक्षय वट का दर्शन आज भी नही कर पाते जिसको कुम्भ से खोला जा सकता है।
रक्षा मंत्री का संगम तट पर जाने का भी अनुमान था, तैयारियां भी की गई थी। लेकिन दौरे के बाद रक्षा मंत्री का काफिला सीधे बमरौली एयरपोर्ट लिए रवाना हुआ। रक्षा मंत्री के आगमन के मद्देनजर सेना के जवानो के साथ सेना पुलिस ने ट्रैफिक से लेकर पूरी सुरक्षा अपने हाथो में रखी।केन्द्रीय रक्षा मंत्री के आगमन के कार्यक्रम से मिडिया को पूरी तरह से दूर रखा गया।