प्रयागराज

आधी रात को तोड़ा गया सौ साल से भी ज्यादा पुराना धार्मिक स्थल, संगठनों ने सरकार को दिया अल्टीमेटम

आक्रोशित लोगों ने किया बवा, रोड जामकर पथराव…

प्रयागराजJun 01, 2018 / 03:16 pm

ज्योति मिनी

आधी रात को तोड़ा गया सौ साल से भी ज्यादा पुराना धार्मिक स्थल, संगठनों ने सरकार को दिया अल्टीमेटम

इलाहाबाद. संगम नगरी कुंभ के मद्देनजर हो रहे विकास फिर चलते चौड़ीकरण के काम के दौरान सड़क के दायरे में आई। प्राचीन काली मंदिर को बुधवार की रात 2:00 बजे तोड़ दिया गया। गुरुवार को सुबह से शाम तक लोगों में आक्रोश के बीच बैठक और आंदोलन की रणनीति तैयार होती रही। गुरुवार की रात को स्थानीय लोगों ने मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग को लेकर बैरहना पुलिस चौकी के सामने से रोड जाम कर पथराव किया।
मंदिर के तोड़े जाने की सूचना जैसे ही शहर के अन्य इलाकों में पहुंची लोग आक्रोशित हो उठे देर रात सब एकजुट होकर बैरहना पुलिस चौकी के पास सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मौके पर आला अधिकारियों ने पहुंचकर मामले को शांत कराया। स्थानीय लोगों में इस बात की नाराजगी है कि, मंदिर को छोटा कर दिया गया होता। यह सिर्फ मूर्ति और छोटा सा गर्भ गृह बनाकर रहने दिया गया होता। स्थापित प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति को क्यों हटाया गया।
बता दें कि, कुंभ के मद्देनजर शहर में चल रहे विकास कार्य के तहत रामबाग नागपुर से होते हुए दारागंज तक पुरानी जीटीरोड का चौड़ीकरण चल रहा है। जिसमें इलाहाबाद विकास प्राधिकरण काम करा रहा है। इसी के तहत बैरहना ना चौराहे पर सुंदरीकरण कराया जाना है। चौराहे पर करीब सौ साल से भी ज्यादा पुरानी काली मंदिर थी, जिसे तोड़ दिया गया है।
बता दें कि, एक महीने पहले भी काली मंदिर को तोड़ने दस्ता पंहुचा था। जिस पर राष्ट्रीय हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया था। जिसके बाद बुद्धवार की रात काली मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया। राष्ट्रीय हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने आज जिला अधिकारी का घेराव किया। साथ ही इलाहाबाद विकास प्राधिकरण के वीसी को भी जिलाधिकारी कार्यालय पर बुलाया औऱ मन्दिर गिराए जाने के विरोध किया।
जिस पर जिलाधिकारी ने विकास प्राधिकरण KBC के सामने हिंदू संगठन के लोगों को आश्वासन दिया कि, शुक्रवार शाम से मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य शुरु हो जाएगा। जिस पर संगठन के लोगों ने 24 घंटे का समय दिया कहा कि, अगर मंदिर निर्माण नहीं होता है तो बड़े विरोध और आंदोलन को झेलने के लिए शासन और सरकार तैयार रहें।
राष्ट्रीय हिंदू संगठन के अध्यक्ष सत्या दुबे ने कहा कि, मंदिर के मुद्दे को लेकर भाजपा की सरकार देश और प्रदेश में राज कर रही है। वहीं योगीराज और मोदी राज में तीर्थराज प्रयाग में स्थापित मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। दुनिया को कुंभ की विरासत दिखाने के लिए आमंत्रण देने वाली योगी सरकार और केंद्र की सरकार को सिर्फ दिखावे से मतलब है। निशांत रस्तोगी ने कहा कि, उन्हें लोगों की धर्म आस्था और भावना से कोई लेना-देना नहीं। मंदिर के स्थान पर चौराहा बनाए जाने की तैयारी है। इसका सुंदरीकरण होगा।
अगर मंदिर को ही और छोटा करके उसके आसपास के सौंदर्य को बढ़ाया गया होता तो क्या बुरा था। अगर प्रशासन ने दिए गए समय में काम शुरू नहीं कराया तो बड़ा आंदोलन होगा।
input प्रसून पांडेय

 

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