सोरांव मंे अपना दल की महिला नेता संतोषी देवी और उसके पति जितेंद्र पटेल की हत्या का खुलासा गुरूवार का पुलिस ने कर दिया। मामले का खुलासा करते हुए एसपी गंगापार सुनील कुमार सिंह और एसपी क्राइम बृजेश मिश्र ने बताया कि हत्या के बाद से लगातार पुलिस हत्यारोपियों की तलाश में जुटी हुई थी। कोई सुराग नहीं मिलने पर पुलिस ने संदिग्ध लोगों का काॅल डिटेल और फोन नंबर सर्विलांस पर लगाए थे। जिसके माध्यम से मामले की गुत्थी सुलझाई जा सकी। उन्होंने बताया कि सोरांव के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक दिनेश प्रताप सिंह और उसी स्कूल की महिला रसोइया के साथ अवैध संबंध थे।
हालंाकि पुलिस ने पहले साक्ष्य के अभाव में उन्हें छोड़ दिया था। वहीं दोबारा शिक्षक का नाम जब सामने आया तो पुलिस ने महिला रसोइया से सख्ती से पूछताछ की। तब महिला रसाइयां ने कबूल किया कि हत्या के दूसरे दिन शिक्षक ने उसे फोन पर बताया था कि उसके हाथो अनर्थ हो गया है। उसने बड़गांव के धर्मेंद्र पासी के साथ मिलकर बीडीसी सदस्य और उसके पति की हत्या कर दी है। जानकारी मिलने पर पुलिस ने आरोपी शिक्षक दिनेश प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर लिया। जबकि उसके साथ मिलकर हत्या करने वाला धर्मेंन्द्र अब भी फरार है।
थप्पड़ मारने का लिया था बदला
आरोपी दिनेश ने पुलिस को बताया कि और उसकी पत्नी के बीच आए दिन लड़ाई होती रहती थी। इसके बाद शिक्षक की पत्नी उसे छोड़ कर चली मुंबई माइकेवालों के साथ में रहने लगी थी। इस मामले मंे बीडीसी सदस्य और उसके पति ने शिक्षक की काफी मदद की थी। इसके कारण बीडीसी सदस्य के घर शिक्षक का आना जाना बढ़ गया था। बीडीसी सदस्य की गैरमौजूदगी में शिक्षक महिला मित्र को उसके घर भी ले जाता था। घटना वाले दिन भी वह रसोइया को उसने बीडीसी सदस्य के घर बुलाया था।
लेकिन उसने घर पर बीडीसी सदस्य के होने के डर से आने से इंकार कर दिया था। शाम को शिक्षक दिनेश और बीडीसी सदस्य में इसी बात को लेकर जमकर विवाद भी हो गया। इस दौरान बीडीसी सदस्य ने दिनेश के गाल पर कई तमाचे भी जड़ दिए थे। जिससे शिक्षक के सिर पर खून सवार हो गया। उसने उसी रात अपने साथ धर्मेंद्र के साथ उसकी हत्या की साजिश रच दी। उस रात धर्मेंद्र ने उसके पति की हत्या की। जबकि दिनेश ने बीडीसी सदस्य के सिर पर वार कर बेहोश कर दिया। इसके बाद उसके साथ रेप किया। रेप के बाद दिनेश ने उसकी हत्या कर दी।
पुलिस ने खंगाल डाले 500 नंबर, 54 से की पूछताछ
मामले का खुलासा करने के लिए पुलिस ने 500 फोन नंबरों की विभिन्न तरीके से अपने जांच के रडार पर रखा था। उन्हें सर्विलांस पर रखा। इसमें से 23 की लोकेशन घटना के आसपास मिली। 54 लोगों से पूछताछ की गई। इसमें कई राजनीति से जुड़े लोगों से भी पूछताछ की गई।