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DM Power: प्रधानमंत्री को भी लेनी पड़ती है DM की अनुमति, आप जानते हैं इनका प्रोटोकॉल

locationप्रयागराजPublished: May 24, 2023 04:08:12 pm

Submitted by:

Adarsh Shivam

DM Power: DM नागरिक प्रशासन का एक्जीक्यूटिव प्रमुख है, जिले के सभी विभाग, जिनके पास अन्यथा अपने स्वयं के अधिकारी होते हैं।

DM Power Prime Minister also take DM permission know their protocol

PM मोदी

DM Power: DM यानी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट जिले में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है। वह प्रशासन का प्रमुख होता है। साथ ही वो जिले के सभी एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेटों की देखरेख करता है। इतना ही नहीं DM पुलिस के कार्यों को नियंत्रित और निर्देशित करता है।
DM नागरिक प्रशासन का एक्जीक्यूटिव प्रमुख है
जिले में जेलों और लॉक-अप के प्रशासन पर उनके पास सुपरविजन करने का अधिकार होता है। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के इन ड्यूटी के अलावा वह विस्थापित व्यक्ति को मुआवजा और पुनर्वास दिलाने का कार्य करता है। DM नागरिक प्रशासन का एक्जीक्यूटिव प्रमुख है, जिले के सभी विभाग, जिनके पास अन्यथा अपने स्वयं के अधिकारी होते हैं।
ग्रामीण विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भी जिम्मेदार
मार्गदर्शन और समन्वय के लिए उसकी ओर देखते हैं। वह नगरपालिका समितियों, बाजार समितियों, पंचायतों, पंचायत समितियों, सामुदायिक विकास खंडों और जिला परिषद के प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वह ग्रामीण विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भी जिम्मेदार है।
इसके अलावा, वह जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में, समय-समय पर जिले में होने वाले सभी चुनावों के शांतिपूर्ण और व्यवस्थित संचालन के लिए जिम्मेदार होता है। अपने जिले के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र/निर्वाचन क्षेत्रों के चुनाव के लिए वह रिटर्निंग ऑफिसर के रूप में कार्य करता है।
DM के कर्तव्य और दायित्व
DM का कर्तव्य और दायित्व जान लीजिए क्या-क्या होता है। भूमि मूल्यांकन, भूमि अधिग्रहण, भूमि राजस्व का संग्रहण, भूमि रिकार्डों का रख-रखाव, भूमि सुधार और जोतों का एकीकरण, बकाया आयकर, उत्पाद शुल्क, सिंचाई बकाया को वसूलना, कृषि ऋण का वितरण, बाढ़, सूखा और महामारी जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय आपदा प्रबंधन, बाह्य आक्रमण और दंगों के समय संकट प्रबंधन, जिला बैंकर समन्वय समिति का अध्यक्षता, जिला योजना केंद्र की अध्यक्षता।
इस तरह होती है प्रोसेस
प्रधानमंत्री की रैली के लिए पहले से तैयारियां शुरू हो जाती है, लेकिन प्रोटोकॉल के हिसाब से PMO यानी प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से कलेक्टर या डीएम से सभा के लिए इजाजत के लिए आवेदन भेजा जाता है, जिसे कलेक्टर की अनुमति के मिलने के बाद ही सभा या रैली का आयोजन किया जाता है।

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