यह आदेश न्यायमूर्ति रामसूरत राम मौर्य तथा न्यायमूर्ति उमेश कुमार की खण्डपीठ ने राकेश कुमार की अपील को स्वीकार करते हुए दिया है। आरोपी की लड़की घर में फांसी पर लटकी मिली। पुलिस विवेचना के दौरान आरोपी के लड़के ने अपनी बहन की हत्या करने का पिता के खिलाफ बयान दिया। किन्तु बाद में कोर्ट में कहा कि पुलिस ने दबाव डालकर बयान कराया है। आरोपी के खिलाफ हत्या के साक्ष्य न होने के बावजूद सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा आरोपी पिता के खिलाफ हत्या के आरोप का कोई साक्ष्य नही है। सबूतों के आभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया है।
BY- Court Corrospondence