भाजपा ने इलाहाबाद से प्रो रीता बहुगुणा जोशी को प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा बीते माह में की थी। जिसके बाद दो दिन पहले फूलपुर उसे केशरी देवी पटेल को उम्मीदवार बनाया गया है। चार दशक से राजनीति को देख रहे वरिष्ठ पत्रकार अभिलाष नारायण कहते है की भाजपा ने अपने चुनाव चिन्ह पर 1991 के चुनाव में पहली बार दोनों सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे ।इस चुनाव में इलाहाबाद से श्यामाचरण गुप्त फूलपुर से देवराज सिंह उम्मीदवार थे। 1996 में इलाहाबाद लोकसभा सीट पर डॉ मुरली मनोहर जोशी और फूलपुर लोकसभा सीट पर बीडी सिंह प्रत्याशी बनाए गए 1998 के चुनाव में फिर डॉक्टर जोशी मैदान में उतरे और फूलपुर से बेनी माधव बिन भाजपा का चेहरा बने।
1999 के चुनाव में भाजपा ने इलाहाबाद से तीसरी बार डॉ मुरली मनोहर जोशी को मैदान में उतारा था। जबकि फूलपुर से बेनी माधव बिंदु चुनाव लड़े थे। 2004 के चुनाव में इलाहाबाद से एक बार फिर डॉ मुरली मनोहर जोशी फूलपुर से फिर बेनी माधव सिंह मैदान में उतरे 2009 में डॉ जोशी बनारस गए तो इलाहाबाद से योगेश शुक्ला और फूलपुर से करण सिंह पटेल मैदान में आए। 2014 के चुनाव में इलाहाबाद से फिर श्यामाचरण गुप्त और फूलपुर से केशव प्रसाद मौर्य चुनाव लड़े 2018 के फूलपुर उपचुनाव में भाजपा ने कौशलेंद्र सिंह पटेल को मैदान में उतारा था।
आजादी के बाद से अब तक जिले की दोनों लोकसभा सीटों पर प्रमुख दलों की महिला उम्मीदवारों की बात करें तो 1964 के उपचुनाव और 1967 के आम चुनाव में कांग्रेस ने विजय लक्ष्मी पंडित को फूलपुर से टिकट दिया था। जिसमे जीत कर संसद पंहुची थी। तो वही 1977 में लोकदल से फूलपुर से कमला बहुगुणा को प्रत्याशी बनाया था। 1980 में कमला बहुगुणा इलाहाबाद से इंदिरा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी थी। 1989 में कमला बहुगुणा बतौर कांग्रेसी उम्मीदवार इलाहाबाद से चुनाव लड़ी थी। 1991 में सरोज दुबे जनता दल के उम्मीदवार के तौर पर इलाहाबाद से चुनाव मैदान में आई और जीती। 1996 के चुनाव में वह जनता दल के प्रत्याशी के तौर पर इलाहाबाद से चुनाव लड़ी थी लेकिन हार गई थी। 1999 के चुनाव में प्रो रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस उम्मीदवार इलाहाबाद से चुनाव लड़ी थी। वही 2004 चुनाव में केशरी देवी पटेल बसपा प्रत्याशी फूलपुर में इलाहाबाद से उम्मीदवार बनी।