प्रशासन के अनुसार उत्तराखंड मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बरसात के चलते गंगा और यमुना उफान पर है हर घंटे गंगा और यमुना खतरे के निशान के पास पहुंच रही है।आज बाढ़ नियंत्रण कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार गंगा का पानी हर घंटे बढ़ रहा है। सोमवार की सुबह तक गंगा और यमुना दोनों नदियों का जलस्तर हर तीन घंटे पर एक सेंटीमीटर से अधिक बढ़ा है। जो चिंता जनक है।लगातार पानी बढने से कछारी इलाको और निचले गाँवों में हजारो बीघे खेती डूबने के कगार पर है।जिसको लेकर किसान परेशान है।
सिचाई विभाग बाढ़ खंड अधिकारी मनोज सिंह ने बताया की गंगा यमुना में लगातार बढ़ रहा पानी लोगों के लिए अब परेशानी बढ़ा रहा है। बीते 12 घंटों में गंगा यमुना के पानी में 44 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी रिकॉर्ड की गई है। अगर रात तक इसी रफ्तार से पानी बढ़ता रहा तो शहर के भी कई इलाके पानी की चपेट में आ जाएंगे। बीती रात गंगा का जलस्तर 82.28 सेंटीमीटर तक पार कर गया। दो सालों बाद गंगाजल संगम तट पर स्थित बंधवा हनुमान मंदिर में भी प्रवेश किया है। मंदिर का गर्भ गृह डूब चुका है। संगम के आस पास सही जिले के सभी गंगा यमुना घाटो पर लोगो को जाने मना किया जा रहा है।
जिले भर में बाढ़ का संकट मडराता देख जिला जिलाधिकारी एलवाई सुहास ने सभी बाढ़ चौकियों को मुस्तैद रहने का निर्देश दिया है।सभी चौकियों पर सभी जरुरी सामान रखने को कहा है।बता दें जिले भर में 99 बाढ़ चौकियां बनाई गई है। जिसमे से 22 चौकियां शहर और अन्य बाढ़ संभावित इलाकों में बनी है।नदियों का पानी लगातार खतरे के निशान की तरफ बढ़ रहा है।चौकियों पर तैनात कर्चारियों से हर घंटे का अपडेट लिया जा रहा है।
मंगलवार की सुबह तक मिले अपडेट के अनुसार फाफामऊ में गंगा 82.88 छतनाग 82.8 सेंटीमीटर तक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।जबकि गंगा में खतरे का निशान 84.73 सेंटीमीटर है। वही यमुना में नैनी का जल स्तर 82.78 तक रिकोर्ड किया गया है।अगर पानी इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के कई इलाके बाढ़ की चपेट में होंगे।