लगातार हो रही बारिश के साथ ही झांसी के माता टीला डैम नरोरा और उत्तराखंड के टिहरी डैम से पानी छोड़े जाने से गंगा और यमुना दोनों नदियों का जलस्तर लगातार उफान पर है। संगम के सभी घाटों के डूबने के साथ देर रात हरिहर आरती स्थल को पार कर गंगा का जल हनुमान मंदिर के सामने तक पहुंचा है।जहाँ एक तरफ लोग बाढ़ आने के नाम पर डरते है।तो वही इस शहर में बाढ़ का धार्मिक महत्व माना जाता है। प्रयागवासियों की मान्यता है की प्रयाग में लेटे हनुमान जी को हर बरस स्नान कराने आती हैं ।माना जाता है कि हनुमान जी के स्नान के बाद संगम नगरी के लोगों का कष्ट कर जाता है। और यहां आयोजित होने वाले सभी आयोजन निर्विघ्नं तरीके से पूरे होते हैं। लोगों में खुशहाली आती है।
बीते एक सप्ताह में गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा है।जल स्तर के बढ़ने से तट पर रहने वाले घाटिये और पंडों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कह दिया गया है। बुधवार की आधी रात हनुमान मंदिर के मुख्य द्वार पर गंगा का पानी पहुंचा है। मंदिर के आसपास का परिषद खाली कराया गया है। साथ ही मंदिर में हनुमान जी के जलाभिषेक कराने के लिए पूजा पाठ किया जा रहा है।मंदिर के महंत नरेंद्र गिरी जी महराज ने बताया की यह शुभ घड़ी है।जब माँ खुद स्नान कराने आती है।यह आने वाले धार्मिक पर्व के लिए भी शुभ संकेत है।
गौरतलब है कि इसके पहले 2016 में मां गंगा ने हनुमान जी को स्नान कराया था। जिला अधिकारी कार्यालय में बने बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 81.70 पर है। और 81.71 मीटर जल स्तर होते ही हनुमान जी के मंदिर के गर्भगृह में जल प्रवेश कर जाएगा। 84.73 मीटर जलस्तर इलाहाबाद में खतरे के निशान पर बाढ़ का पानी पहुंच जाएगा। जिसके लिए सभी तैयारियां कर ली है।निचले इलाको में एलर्ट जारी किया गया है।