scriptExclusive – विलुप्त सरस्वती को खोजने इलाहाबाद पहुंची विदेशी वैज्ञानिकों की टीम, करेगी गंगा का एक्स-रे | Foreign scientists will discover extinct Saraswati | Patrika News

Exclusive – विलुप्त सरस्वती को खोजने इलाहाबाद पहुंची विदेशी वैज्ञानिकों की टीम, करेगी गंगा का एक्स-रे

locationप्रयागराजPublished: Jan 30, 2018 05:48:40 pm

Submitted by:

arun ranjan

एक महीने इलाहाबाद रहेगी वैज्ञानिकों की टीम, कल से शुरू होगा कार्य

Discovering Saraswati River

सरस्वती नदी की खोज

अरुण रंजन

इलाहाबाद. प्रयागराज की धरती इलाहाबाद में विलुप्त सरस्वती नदी को खोजने विदेशी वैज्ञानिकों की टीम यहां पहुंच चुकी है। सरस्वती नदी की यह खोज बुधवार से प्रारंभ होगी। विदेशी वैज्ञानिकों की यह टीम करीब महीने इलाहाबाद में सरस्वती नदी की खोज करेगी। सरस्वती नदी को खोजने के लिए हाई टेक्नोलॉजी उपकरणों का उपयोग होगा। हेलीकॉप्टर से गंगा नदी का एक्स-रे नुमा मैप लिया जाएगा।

इलाहाबाद में गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम माना जाता है। इसमें सरस्वती विलुप्त हैं। सरस्वती नदी के अस्तित्व को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। सरस्वती नदी के इसी अस्तित्व का पता लगाने के लिए केंद्रीय भू जल बोर्ड, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट हैदराबाद नदी विकास एंव गंगा मंत्रालय की इलाहाबाद और लखनऊ की टीम के साथ डेनमार्क, कनाडा, स्काॅटलैंड सहित अन्य देश के वैज्ञानिकों की टीम सरस्वती नदी को खोजने का काम करेगी। यहां आए वैज्ञानिक हाई टेक्नोलाॅजी के माध्यम से इलाहाबाद में इलेक्ट्रो मैग्नेटिक सर्वे करेंगे। जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से कराए जा रहे इस सर्वे का कार्य कल से प्रारंभ हो जाएगा। सर्वे के इस कार्य में हेलीकॉप्टर का उपयोग किया जाएगा।

हेलीकाप्टर के नीचे लगा डिवाइस ऐसे तैयार करेगा मैप

यहां एनजीआरआई के प्रिसिपल वैज्ञानिक डॉ0 सुभाष चंद्रा और उनकी टीम और केंद्रीय भूमि जल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक वाईबी कौशिक, डॉ0 शशिकांत सिंह, इलाबाबाद क्षेत्र प्रभारी डॉ0 एमएन खान व भोपाल से आए डॉ0 राकेश सिंह सहित अन्य व वैज्ञानिकों की टीम यहां आई हुई है। डॉ0 राकेश सिंह ने बताया कि सरस्वती नदी के साथ नेशनल एक्यूफर मैपिंग के तहत सरस्वती नदी या विलुप्त जल श्रोत पता लगाने के लिए देश के साथ-साथ विदेशी वैज्ञानिकों की टीम भी होगी। सर्वे में विदेशी उपकरणों का भी उपयोग होगा। उन्होंने बताया कि सरस्वती नदी का सर्वे हेलीकॉप्टर से किया जाएगा।

हेलीकॉप्टर के नीचे इलेक्ट्रो मैग्नेटिक सिस्टम डिवाइस या टीईएम लगाया जाएगा। यह गंगा नदी के जल से 30 मीटर ऊपर लटका होगा। यह गंगा सतह से 300 मीटर तक का एक्स-रे नुमा मैप रिपोर्ट तैयार करेगा। यह हाई रेजोल्यूशन डाटा उपलब्ध कराएगा। इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि यहां सरस्वती नदी या कोई अन्य जल श्रोत था कि नहीं। जमीन के अंदर भूजल का कोई श्रोत है या भूजल श्रोत का कोई पुराना चैनल हो या नदी जैसा कुछ भी होगा तो पता चल जाएगा। जल धारा मिलने की कोई उम्मीद है या यहां विलुप्त जलधारा कहां मिल सकती है। पता चल जाएगा। इसके अलावा अन्य अध्ययन का आयाम होगा। जैसे कहंा जल स्तर नीचे जा रहा है, कहां जल स्तर बढ़ा है, सर्वाधिक प्रदूषण वाला क्षेत्र, पानी का गुणवत्ता का भी पता लगाया सकेगा।

माघ मेले के कारण आ रही परेशानी

इलाहाबाद में माघ मेले के कारण वैज्ञानिकों को सर्वे कार्य में काफी बाधा आएगी। क्योंकि माघ मेले क्षेत्र में काफी संख्या में बिजली के खंभे सहित अन्य इलेक्ट्रिक चीजें लगाई गई हैं। ऐसे में हेलीकॉप्टर के नीचे लगे डिवास पर प्रभाव पड़ेगा। हालंाकि इसके लिए वैज्ञानिकों की टीम ने प्रशासन से बातचीत की हैं। प्रशासन ने 4 फरवरी से मेला क्षेत्र से टंेट हटाने का आश्वासन दिया है। लसाथ ही इलाहाबाद में लगातार हो रहे वीवीआईपी लोगों के आने के कारण भी हेलीकाॅप्टर उड़ाने की इजाजद नहीं दी जाएगी।

छोटी नदी बचाओ अभियान को मिला बल

विलुप्त हो रही और छोटी नदियो को बचाने के लिए पिछले काफी समय से छोटी नदी बचाओ अभियान चलाया जा रहा है। छोटी नदी बचाओ अभियान के संयोजक व अपना दल प्रवक्ता बृजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि नदियों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिख लागातर मांग की जा रही थी। जो काम शुरू हो रहा है। इसके लिए उन्होंने बधाई दी। कहा जनता को भी जागना पड़ेगा और लोगों को आगे आना होगा।

सरस्वती के संगम पर होता है दुनिया का सबसे बड़ा मेला

इलाहाबाद में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वी नदी का संगम स्थल है। तीनों नदियों के संगम के कारण यहां हर साल माघ मेले का आयोजन होता है। इसके अलावा हर 6 साल मंे कुंभ और 12 साल में महाकुंभ का आयोजन होता है। संगम के तट पर लगने वाले इस मेले में हर साल करोड़ो श्रद्धालु आस्था की डूबकी लगाने पहुंचते हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो