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गंगा दशहरा विशेष: संगम में आस्था की डुबकी लगाने के साथ दान देने का है विशेष महत्व, जानें क्यों होती है पूर्वजों की पूजा

locationप्रयागराजPublished: Jun 09, 2022 02:47:15 pm

Submitted by:

Sumit Yadav

आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि आज के दिन दशमी तिथि गुरुवार की भोर में 3.08 बजे से लगकर रात 2.26 बजे तक रहेगी। वहीं, वृष लग्न भोर 3.42 से सुबह 5.37 तक है। सूर्योदय सुबह 5.14 बजे तक होगा। वृष लग्न के दौरान स्नान-दान का विशेष मुहूर्त है। वैसे दशमी तिथि दिनभर है, ऐसी स्थिति में दोपहर 12 बजे तक स्नान किया जा सकता है। इस समय के अनुसार और स्नान करने से विशेष महत्व होता है।

गंगा दशहरा विशेष: संगम में आस्था की डुबकी लगाने के साथ दान देने का है विशेष महत्व, जानें क्यों होती है पूर्वजों की पूजा

गंगा दशहरा विशेष: संगम में आस्था की डुबकी लगाने के साथ दान देने का है विशेष महत्व, जानें क्यों होती है पूर्वजों की पूजा

प्रयागराज: देश-दुनिया में प्रसिद्ध संगमनगरी का अपना एक विशेष महत्व है। गंगा दशहरा के पावन पर्व के सुबह से लेकर बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। तीर्थराज प्रयागराज में इस दिन अलग-अलग जनपद से आए भक्त उत्साह के साथ आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। भक्त स्नान करके घाट पर पूजन व दान करके मनोकामना पूर्ति की कामना कर रहे हैं। इसके साथ ही इस दिन दूर-दराज से आए श्रद्धालु पूर्वजों को याद करके इनकी पूजा अर्चना करते हैं।
आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि आज के दिन दशमी तिथि गुरुवार की भोर में 3.08 बजे से लगकर रात 2.26 बजे तक रहेगी। वहीं, वृष लग्न भोर 3.42 से सुबह 5.37 तक है। सूर्योदय सुबह 5.14 बजे तक होगा। वृष लग्न के दौरान स्नान-दान का विशेष मुहूर्त है। वैसे दशमी तिथि दिनभर है, ऐसी स्थिति में दोपहर 12 बजे तक स्नान किया जा सकता है। इस समय के अनुसार और स्नान करने से विशेष महत्व होता है।
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इसके साथ ही गंगा में स्नान करने के बाद दान करने वालों को दैहिक, दैविक व भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलेगी। ऐसे में हर व्यक्ति को गंगा दशहरा पर पूर्वजों के निमित्त पूजन करना चाहिए। इसमें क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा, निंदा और चोरी के भाव का नाश करने का संकल्प लेकर कम से कम 10 डुबकी लगानी चाहिए। ऐसे करने से शरीर शुद्ध और मानसिक विकारों से मुक्त हो जाता है।
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