बैठक में स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क, पंजीयन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के मंत्री नंद गोपाल नंदी तथा मंडलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल के साथ भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के क्षेत्रीय निदेशक राकेश करला, वायुसेना के अधिकारी विशेष सचिव नागरिक उड्डयन उत्तर प्रदेश शासन सूर्य पाल गंगवार सहित जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मंडलायुक्त ने सभी अधिकारियों के सामने यह संकल्प रखा कि एक वर्ष के भीतर इलाहाबाद में उच्च स्तरीय सिविल टर्मिनल के निर्माण में आने वाली हर बाधा को दूर करने पर खुली चर्चा की जाए तथा हर संभावित अड़चन का व्यवहारिक समाधान अभी से इसी वक्त निकाला जाए।
एयरपोर्ट अथॉरिटी के क्षेत्रिय निदेशक के साथ विचार-विमर्श में सबसे पहले प्रयोग में लाए जाने वाली भूमि के क्षेत्रफल तथा आवश्यक भूमि की वास्तविक उपयोगिता पर चर्चा की गई। मंडलायुक्त ने राजेश करला के साथ गहराई से विचार विमर्श किया तथा एयरपोर्ट के रनवे से लेकर हवाई अड्डे तक पहुंचने वाली सड़क की चौड़ाई के आधार पर भूमि की आवश्यकता पर जिला प्रशासन और एयरपोर्ट अथॉरिटी एवं एयरपोर्ट के अधिकारियों के मध्य सामजस्य करावाते हुए ।आपसी सहमति के आधार पर यह तय किया गया कि एयरपोर्ट का निर्माण उच्चस्तरीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के एयरपोर्ट के मानक पर निर्मित किया जाय जिससे कि भविष्य में एयरपोर्ट के आकार को बढ़ाया जाने में भूमि की समस्या अड़चन न आए तथा इस हेतु पहले से निर्धारित की गई 50 एकड़ भूमि के अधिग्रहण का उपयोग हवाई अड्डे के निर्माण में किया जा सके।
मंडलायुक्त ने यह भी निर्देश दिए कि जिला प्रशासन के अधिकारी भूमि व्यवस्था को इस तरह निर्धारित करें कि भूमि क्रय किए जाने वाले या अर्जित किए जाने के दौरान किसी कानूनी बाधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने एयरपोर्ट अथॉरिटी से अनुरोध किया कि अपना टर्मिनल इस तरह निर्मित करें कि प्रस्तावित सिविल एंक्लेव का भवन पूरी तरह अर्जित भूमि में ही बना लिया जाए। मंडलायुक्त ने कहा कि जो छोटे भूभाग अर्जीत किए जाने हैं। उसे तत्काल अर्जित कर लिया जाय। बैठक में नागरिक उड़ड्य विभाग उत्तर प्रदेश के विशेष सचिव एवं निदेशक सूर्य पाल गंगवार ने एयरपोर्ट अथॉरिटी के निदेशक से अनुरोध किया कि एयरपोर्ट के निर्माण में उच्च स्तर पर कार्य किए जाएं तथा किसी भी स्तर पर निर्धारित मानकों से समझौता ना किया जाए। और मानकों के अनुरूप आवश्यक भूमि का वास्तविक आंकलन उन्हें यथाशीघ्र बता दिया जाय। शासन द्वारा संशोधित आवश्यक भूमि पर काम किया जाए ।नागरिक उड्डयन के निदेशक और एयरपोर्ट एथारिटी क्षेत्रिय निदेशक के मध्य एयरपोर्ट का मानक स्तर इस तरह तय किया गया कि उस पर ए320 तथा बोईँग 737 विमान उतारे और उड़ाई जा सके।
प्रस्तावित एयरपोर्ट के रनवे पर आईएलएस और अप्रोच लाइटिंग सिस्टम को निर्मित करते हुए यथाशीघ्र कार्य प्रारंभ कर दिए जाने और 11 माह के भीतर कार पूर्ण कर लिए जाने का आश्वासन एयरपोर्ट के द्वारा दिया गया। उन्होंने बताया कि इस कार्य हेतु निविदा की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जा चुकी है। तथा इसी आगामी माह में सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए इस कार्य को तेजी से शुरू कर दिया जाएगा और अक्टूबर 2018 के पूर्व इलाहाबाद में उच्चतम हवाई अड्डा संचालित होने लगेगा।
मंडलायुक्त की मध्यश्ता से जिला प्रशासन को भूमि अर्जन संबंधित आवश्यक निर्देश दिए गए। भूमि सम्बन्धित समस्त व्यवस्थाएं आवश्यकता के अनुरूप आगमी 3 अक्टूबर तक पूर्ण करा करा दी जाए तथा मंडलायुक्त को इसकी सूचना दी जाए। इससे संबंधित यथाआवश्यक प्रस्ताव जिला प्रशासन की ओर से 9 अक्टूबर तक शासन को भेज दिये जाये। नागरिक उड्डयन विभाग के विशेष सचिव ने यह विश्वास दिलाया कि सभी औपचारिकतायें प्रस्ताव प्राप्त होते ही तत्काल बाद सुनिश्चित करा दी जायेगी। सूर्य पाल गंगवार ने मण्डलायुक्त से अनुरोध किया कि एयरपोर्ट एथारिटी से अपनी देख-रेख में कार्य प्रारंभ करवा दें। मंडलायुक्त ने बिजली विभाग के अधिकारियों को यह निर्देश दिए की निर्मित किए जा रहे एयरपोर्ट एथारिटी के अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए 15000 किलोवाट का डेडीकेटेड फीटर शीघ्र स्थापित कराये। मंडलायुक्त ने हवाई पट्टी के एक्सटेंशन में कौशांबी रोड को आवश्यकता अनुसार पुनः स्थापित करने पर विचार किया गया तथा हवाई पट्टी के विस्तार के लिए की संभावनाओं पर भी विचार किया।
बैठक के अंत में नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने इस कार्य में समन्वय की इस पहल पर मंडलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल को धन्यवाद दिया कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी के यह कड़े निर्देश है।कि इलाहाबाद के एयरपोर्ट को अर्धकुंभ के पूर्व हर हाल में निर्मित कर लिया जाए, जिससे इलाहाबाद विश्व के पर्यटन मानचित्र पर तेजी से उभर कर सामने आये। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट के निर्माण को अक्टूबर 2018 के बजाय सितंबर 2018 में ही पूरा कर लिया जाय। गौरतलब है कि एयरपोर्ट का निर्माण भूमि संबंधित छोटी छोटी व्यवस्थाओं के अभाव में लंबे समय से रुका था जिसे मंडलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल की पहल पर गति मिल गयी है। अर्द्धकुम्भ के पूर्व ही इलाहाबाद में उच्च स्तरीय एयरपोर्ट निर्मित हो जाने तथा इंडिगो तथा स्पाइस जेट जैसी प्रशिक्षित विमानन कंपनियों के विमान संचालन होने की संभावना बढ़ गई है ।
इनपूट- इलाहाबाद संवाददाता की रिपोर्ट