इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। अधिवक्ता का कहना था कि गौरव कुमार शर्मा केस में फुल बेंच ने निर्णय दिया है केंद्र सरकार का जाति प्रमाण पत्र राज्य सरकार की नौकरियों में तभी मान्य होगा जब यह साबित कर दिया जाए कि जिस जाति का प्रमाण पत्र है वह जाति उत्तर प्रदेश राज्य में भी पिछड़ा वर्ग में अधिसूचित है । अधिवक्ता का कहना था कि याची लोधी जाति का है जो केंद्र सरकार के अलावा राज्य में भी अन्य पिछड़ा वर्ग में अधिसूचित है। इसके बावजूद पुलिस भर्ती बोर्ड ने याची के प्रमाण पत्र को मानने से इंकार कर दिया है ।कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को 10 दिन में जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।