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उद्देश्य के बुलंद हौसलों के आगे कमजोरियों ने टेक दिए घुटने,राष्ट्रीय पुरस्कार से हुआ सम्मानित

locationप्रयागराजPublished: Dec 11, 2017 01:15:06 pm

इस दिव्यांग ने कापते हाथो से लिखी कविताएं और उसकी धुन पर झूमते है लोग

Uddeshya Singh National and Bal Shre award

उद्देश्य के बुलंद हौसलों के आगे कमजोरियों ने टेक दिए घुटने,राष्ट्रीय पुरस्कार से हुआ सम्मानित

इलाहाबाद बुलन्द हौसलों के सामने कुछ भी नामुन्किन नही है। एक बार फिर इसे साबित कर दिखाया है। शहर के दिव्यांग छात्र ने जो न ठीक से चल सकता है।ना हीअपनी बात कह पाता है। कापते हाथो से अपना काम करने वाले इस दिव्यांग ने अपने शहर से लेकर रायसीना हिल्स तक अपनी पहचान बनाई।अस्सी प्रतिशत मल्टीपल डिसऑर्डर सेरिब्रल पाल्सी से ग्रसित इस दिव्यांग छात्र जो अपने नाम को साकार करने में लगा है।अपने जीवन के उद्देश्य पुरे करने में हर दिन एक कदम आगे बढाने वाले इस छात्र का नाम भी उद्देश्य है। यही नही की उद्देश्य ने सिर्फ जीवन को किसी तरह बिताने का प्रयास किया।बल्कि राष्ट्रिय पटल परअपने बुलंद हौसले के चलते राष्ट्रीय पुरस्कार और बाल श्री सम्मान हासिल किये है। जिसको पकार न सिर्फ इस दिव्यांग को उत्साह मिला बल्कि अपने जैसे तमाम दिव्यंगो के लिए हौसला बढाने का भी काम किया।

शहर के बालभारती स्कूल में 12 वी क्लास में पढने वाला उद्देश्य सिंह छात्र स्कूल के सभी छात्रों से बिलकुल अलग है।उद्देश्य न ठीक से चल सकता है। न ठीक से बोल पाता है और तो और किसी चीज को ठीक से पकड़ सकता है। बावजूद उसके हौसलों की बुलंदी में कोई कमी नहीं आई है।उद्देश्य सिंह का जिस्म और दिमाग 80 प्रतिशत मल्टीपल डिसऑर्डर सेरिब्रल पाल्सी से ग्रसित है। वह दिव्यांग है लेकिन अपनी इसी कमजोरी को वह अपनी ताकत बनाकर ऐसे मुकाम तक पहुचना चाहता है। उद्देश्य ने पत्रिका से बात की और कहा की वह प्रशासनिक अधिकारी बनकर दिव्यांगो की मदद करना चाहता है।

शहर के जार्ज टॉउन में रहने वाला दिव्यांग उद्देश्य सिंह के पिता डॉ कुलदीप सिंह जिले के डिप्टी चीफ वेटेरीनरी ऑफिसर हैं।जबकि मां हेमलता सिंह शॉप चलाती हैं। 80फीसद गंभीर रूप से मल्टीपल डिसऑर्डर सेरिब्रल पाल्सी से ग्रसित होने के बावजूद भी उद्देश्य ने अपनी काबिलियत से तमाम अचीवमेंट अपने नाम किये है। उद्देश्य ने राष्ट्रपति से राष्ट्रीय पुरस्कार बेस्ट क्रिएटिव चाइल्ड विथ डिसेबिलिटी और यूपी सरकार से राज्य स्तरीय उत्कृष्ट रोल मॉडलश् अवॉर्ड प्राप्त किया। उसने राष्ट्रीय पुरस्कार बाल श्री क्रिएटिव परफॉर्मेंस में दिव्यांग होने के बावजूद भी सामान्य श्रेणी में भारत सरकार से अवॉर्ड प्राप्त किया। जिस पर उसके माँ बाप को बेटे पर गर्व है।

उद्देश्य की पढ़ाई शुरू से ही स्कूल में सामान्य श्रेणी के बच्चों के साथ में हो रही है। वह बचपन से ही पढ़ने में अव्वल रहा है। उद्देश्य के माता पिता के अनुसार वह शुरू से ही पढ़ने में बहुत अच्छा है। यही नही अपने कापते हाथ से कलम चलाने के साथ ही उद्देश्य की उंगलियो पर बड़े बड़े लोग थिरकने लगते है।उद्देश्य पियानो शानदार बजाता है। यही नहीं वह कविताएं भी लिखता है ।मल्टीपल डिसऑर्डर सेरिब्रल पाल्सी से ग्रसित होने के बावजूद भी उद्देश्य ने हाई स्कूल में 94 प्रतिशत अंक प्राप्त किया था।अपनी विल पावर और बुलंद हौसलों की बदौलत उसने बड़ी से बड़ी चुनौती को भी घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

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